दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले में तीन गिरफ्तार, राजनीतिक विवाद बढ़ा

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक 23 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने हंगामा मचा दिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है। पीड़िता की मां ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसकी बेटी को उसकी सहेली ने छोड़ दिया था। इस मामले ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है, जिसमें भाजपा विधायक ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
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दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले में तीन गिरफ्तार, राजनीतिक विवाद बढ़ा

दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार की घटना

पश्चिम बंगाल पुलिस ने रविवार को दुर्गापुर में एक सामूहिक बलात्कार मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना शुक्रवार रात को एक निजी मेडिकल कॉलेज के बाहर हुई, जहां 23 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा अपनी सहेली के साथ भोजन के लिए गई थी।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को पकड़ लिया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है।


पीड़िता की मां के गंभीर आरोप

पीड़िता की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को उसकी सहेली ने छोड़ दिया, जिसके बाद कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उसे जंगल में खींच लिया और जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने भागने से पहले छात्रा का मोबाइल और 5,000 रुपये भी लूट लिए।


घटना का विवरण

पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी अपनी सहेली के कहने पर बाहर गई थी, तभी तीन लोगों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, 'उसकी सहेली उसे छोड़कर भाग गई। मेरी बेटी भी भागने लगी, लेकिन अपनी सहेली का पता नहीं लगा सकी।' तीनों आरोपियों ने अकेले होने का फायदा उठाकर उसे जंगल में ले गए, जहां दो अन्य लोग भी शामिल हो गए।


परिवार की शिकायत

पीड़िता के सहपाठियों द्वारा सूचित किए जाने के बाद, माता-पिता ने दुर्गापुर पहुंचकर अपनी शिकायत में सहेली और उसके कुछ साथियों का नाम दर्ज कराया है, हालांकि उनके नामों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।


पीड़िता की स्वास्थ्य स्थिति

ओडिशा के जलेश्वर की निवासी पीड़िता अभी अस्पताल में भर्ती है। पुलिस ने बताया कि उसकी स्थिति स्थिर है और उसकी मां उसका ध्यान रख रही है।


राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की चार सदस्यीय टीम ने शनिवार को अस्पताल में छात्रा से मुलाकात की। आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा कि छात्रा सदमे में है और उसकी स्थिति स्थिर है। एनसीडब्ल्यू ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से पांच दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।


छात्रों का विरोध प्रदर्शन

इस बीच, निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने शनिवार को परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि घटना के बावजूद कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई और न ही कोई सार्वजनिक बयान जारी किया गया।


राजनीतिक विवाद का जन्म

इस मामले ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पीड़िता के पिता से बात की और मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए।


राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे ऐसी घटनाओं को राजनीतिक दृष्टिकोण से देख रही हैं।


ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भी घटना की निंदा की है और ममता बनर्जी से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।