दुनिया की 10 सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियां: RAW और ISI की स्थिति
खुफिया एजेंसियों की भूमिका
खुफिया एजेंसियां सुरक्षा और जासूसी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये न केवल अपने देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण मिशनों को अंजाम देती हैं। हाल ही में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने इस विषय पर चर्चा को और बढ़ा दिया है। इस लेख में हम दुनिया की 10 सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं, जिनमें भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) शामिल हैं।
CIA: अमेरिका की प्रमुख खुफिया एजेंसी
अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) को दुनिया की सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसी माना जाता है। इसकी स्थापना 1947 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। CIA राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह एजेंसी वैश्विक स्तर पर दुश्मनों की जानकारी इकट्ठा करती है और अमेरिका को संभावित खतरों से पहले ही आगाह करती है।
मोसाद: इजराइल की गुप्त ऑपरेशनों वाली एजेंसी
इजराइल की मोसाद अपनी गुप्त ऑपरेशनों के लिए जानी जाती है। इसकी स्थापना 1949 में हुई थी। मोसाद की विशेषता यह है कि यह अपने दुश्मनों को दुनिया के किसी भी कोने से खोजकर समाप्त करने की क्षमता रखती है। इसकी कार्रवाइयां इतनी गोपनीय होती हैं कि उनके बारे में जानकारी अक्सर काफी समय बाद मिलती है।
RAW: भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी
भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की स्थापना 1968 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुई थी। इसका मुख्य कार्य विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, आतंकवाद पर नजर रखना और देश की सुरक्षा को मजबूत करना है। RAW विभिन्न देशों में ऑपरेशन चलाकर भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, हालांकि इसकी गतिविधियों की जानकारी आमतौर पर गुप्त रहती है।
MI-6: ब्रिटेन की खुफिया सेवा
ब्रिटेन की सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (MI-6) की स्थापना 1909 में हुई थी। यह एजेंसी ब्रिटिश सरकार को विदेशी खुफिया जानकारी प्रदान करती है। MI-6 को जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में दर्शाया गया है, लेकिन असलियत में यह बेहद पेशेवर और खतरनाक ऑपरेशनों में संलग्न रहती है।
ISI: पाकिस्तान की विवादास्पद एजेंसी
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की स्थापना 1948 में हुई थी। यह एजेंसी अक्सर आतंकवाद को समर्थन देने और दक्षिण एशिया में गुप्त ऑपरेशनों के लिए चर्चा में रहती है। ISI का उद्देश्य पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करना है, लेकिन इसकी भूमिका को लेकर कई बार विवाद उठते हैं।
FSB: रूस की सुरक्षा सेवा
रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB), जिसे पहले KGB के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 1994 में हुई थी। यह एजेंसी रूस के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मामलों पर नजर रखती है। FSB अपने विरोधियों और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए जानी जाती है।
MSS: चीन की खुफिया एजेंसी
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) की स्थापना 1983 में हुई थी। यह एजेंसी मुख्य रूप से साइबर जासूसी और औद्योगिक रहस्यों की सुरक्षा के लिए कार्य करती है। MSS हाल के वर्षों में तेजी से शक्तिशाली हुई है और तकनीकी जासूसी में इसकी पकड़ मजबूत है।
DGSE: फ्रांस की खुफिया सेवा
फ्रांस की खुफिया एजेंसी, डायरेक्शन जनरल डि ला सेक्योरिटी एक्सटेरियूर (DGSE), फ्रांस के विदेश मामलों की निगरानी करती है और आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाती है। इसे यूरोप की सबसे संगठित और प्रभावशाली एजेंसियों में से एक माना जाता है।
ASIS: ऑस्ट्रेलिया की खुफिया सेवा
ऑस्ट्रेलियन सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (ASIS) की स्थापना 1952 में हुई थी। यह एजेंसी ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए विदेशी जासूसी का कार्य करती है। ASIS की कार्यप्रणाली अन्य एजेंसियों की तुलना में शांत रहती है, लेकिन इसकी रणनीतिक क्षमताएं मजबूत हैं।
BND: जर्मनी की खुफिया एजेंसी
जर्मनी की बंडेसनाचरिच्टेंडिएस्ट (BND) की स्थापना 1956 में हुई थी। यह एजेंसी जर्मनी की विदेशी खुफिया इकाई है और आतंकवाद, संगठित अपराध, और साइबर हमलों पर नजर रखती है। BND को तकनीकी रूप से सबसे सक्षम एजेंसियों में से एक माना जाता है।
