दीपावली पर महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ: घर में लक्ष्मी का वास

दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा के साथ महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। यह स्तोत्र धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। जानें महालक्ष्मी स्तोत्र के पाठ के लाभ और लक्ष्मी जी का प्रिय मंत्र।
 | 
दीपावली पर महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ: घर में लक्ष्मी का वास

महालक्ष्मी स्तोत्र का महत्व

दीपावली पर महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ: घर में लक्ष्मी का वास

महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ

Mahalaxmi Stotra: दीपावली का त्योहार हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को होगी। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में माता लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य, समृद्धि, यश और वैभव की देवी माना गया है। कहा जाता है कि दिवाली की रात महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं। आइए, महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करते हैं।

महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ (Mahalakshmi stotra)

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवि सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं यः पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वितः।।

त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।

महालक्ष्मी स्तोत्र के लाभ

महालक्ष्मी स्तोत्र, जिसे महालक्ष्म्यष्टक भी कहा जाता है, धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस स्तोत्र का पाठ करने से बड़े पाप समाप्त होते हैं, धन-धान्य में वृद्धि होती है और शत्रुओं से संबंधित सभी बाधाएं दूर होती हैं। यह स्तोत्र देवी महालक्ष्मी के विभिन्न रूपों और शक्तियों का वर्णन करता है। दिवाली की रात इस स्तोत्र का पाठ करने से देवी लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं।

लक्ष्मी जी का प्रिय मंत्र

लक्ष्मी जी का सबसे प्रिय मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली पर इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, कर्ज से मुक्ति मिलती है और जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।