दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले में दो आरोपियों का एनकाउंटर

दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग के मामले में यूपी एसटीएफ ने दो आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। इनकी पहचान रवींद्र और अरुण के रूप में हुई है, जो गोल्डी बरार गैंग के सदस्य थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने 2500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की और बदमाशों की पहचान की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले में दो आरोपियों का एनकाउंटर

दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग का मामला

दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले में दो आरोपियों का एनकाउंटर


दिशा पाटनी के निवास पर हुई फायरिंग के मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने दो संदिग्धों को एनकाउंटर में मार गिराया है। इनकी पहचान रवींद्र उर्फ कल्लू और अरुण के रूप में हुई है। यह मुठभेड़ गाजियाबाद में हुई। यूपी एसटीएफ ने बताया कि ये दोनों आरोपी रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे। 12 सितंबर को बरेली जिले में दिशा पाटनी के घर पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, जिसके बाद थाना कोतवाली में मामला दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे.


हरियाणा के बदमाशों की पहचान

बरेली पुलिस और यूपी एसटीएफ ने इन बदमाशों की खोज में जुट गए थे। सीसीटीवी फुटेज और अन्य प्रदेशों के अपराध रिकॉर्ड के मिलान के बाद पुलिस ने इनकी पहचान की। फायरिंग करने वाले बदमाशों की पहचान रविंद्र, जो कि रोहतक का निवासी है, और अरुण, जो सोनीपत का निवासी है, के रूप में हुई।


मुठभेड़ में घायल बदमाशों की मौत

आज यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और दिल्ली की सीआई यूनिट ने गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र में इन बदमाशों का सामना किया। मुठभेड़ में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि ये दोनों बदमाश गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे। मौके से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल के साथ-साथ बड़ी संख्या में कारतूस भी बरामद हुए।


पुलिस ने खंगाले 2500 सीसीटीवी फुटेज

दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की जांच के दौरान बरेली पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले। शीशगढ़ से बिलासपुर रोड पर संदिग्ध बाइक सीसीटीवी में कैद हुई थी। बरेली पुलिस ने 2500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की। बाइक सवारों ने भागते समय कई यू-टर्न लिए, जिससे पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई। बरेली पुलिस को दिल्ली से सूचना मिली थी कि गोल्डी बरार गैंग वारदात के बाद सीधा रास्ता नहीं अपनाता और कैमरों से बचने के लिए बार-बार रास्ते बदलता है।