दिवाली और छठ पूजा 2025: जानें दोनों त्योहारों की तिथियाँ

दिवाली और छठ पूजा 2025 के बारे में जानें। यह लेख बताता है कि दिवाली के कितने दिन बाद छठ पूजा होती है और इन त्योहारों की तिथियाँ क्या हैं। दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होगी। जानें इन त्योहारों का महत्व और कैसे मनाए जाते हैं।
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दिवाली और छठ पूजा 2025: जानें दोनों त्योहारों की तिथियाँ

दिवाली और छठ पूजा

दिवाली और छठ पूजा 2025: जानें दोनों त्योहारों की तिथियाँ


दिवाली और छठ पूजा


दिवाली और छठ पूजा 2025: प्रकाश का यह प्रमुख पर्व दिवाली जल्द ही आने वाला है। यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा, करवा चौथ, धनतेरस, और नरक चतुर्दशी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। इसके बाद छठ महापर्व का आयोजन होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि दिवाली के कितने दिन बाद छठ पूजा होती है और 2025 में इन त्योहारों की तिथियाँ क्या हैं।


2025 में दिवाली और छठ पूजा की तिथियाँ

दिवाली और छठ पूजा कब है 2025? (Diwali aur chhath puja 2025)


दिवाली के 6 दिन बाद छठ पूजा मनाई जाती है। बिहार में छठ का पर्व विशेष महत्व रखता है और यह चार दिनों तक चलता है। इस वर्ष 20 अक्टूबर को दिवाली है और 25 अक्टूबर को छठ महापर्व की शुरुआत होगी।


2025 में दिवाली कब है? (Diwali kab hai)


दीपावली का त्योहार इस साल 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक अमावस्या को दीवाली होती है। इस बार एक विशेष संयोग है कि 2025 में छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनाई जाएगी। दिवाली पर धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिसे लक्ष्मी पूजन भी कहा जाता है।


2025 में छठ पूजा कब है? (Chhath puja kab hai)


2025 में छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होगी। यह महापर्व चार दिनों तक चलेगा और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस दौरान व्रती घाट पर नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। लगभग 36 घंटे का निर्जला उपवास रखने के बाद उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है।


कार्तिक छठ पूजा की तिथियाँ 2025



  1. 25 अक्टूबर (शनिवार): नहाय-खाय, छठ पूजा का पहला दिन।

  2. 26 अक्टूबर (रविवार): खरना, दिन भर का निर्जला उपवास। (दूसरा दिन)

  3. 27 अक्टूबर (सोमवार): संध्या अर्घ्य, संध्या अर्घ्य (पहला अर्घ्य)

  4. 28 अक्टूबर (मंगलवार): उगते सूर्य को अर्घ्य (उषा अर्घ्य) व्रत का पारण।