दिवाली 2025: लक्ष्मी जी का स्वागत और घर की सजावट का महत्व

दिवाली 2025 के अवसर पर घर की सफाई और सजावट का महत्व जानें। यह परंपरा केवल बाहरी सुंदरता के लिए नहीं है, बल्कि ऊर्जा और आध्यात्मिकता से जुड़ी है। लक्ष्मी जी का स्वागत करने के लिए दीप जलाना और घर को रोशन करना आवश्यक है। जानें कैसे यह परंपरा परिवार में सुख, समृद्धि और शांति लाने का माध्यम बनती है।
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दिवाली 2025 का महत्व

दिवाली के पर्व पर घर की सफाई, सजावट और दीप जलाने की परंपरा केवल बाहरी सुंदरता के लिए नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध ऊर्जा और आध्यात्मिकता से है। एक साफ-सुथरा घर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी देवी केवल उन घरों में निवास करती हैं जहां स्वच्छता, प्रकाश और व्यवस्था होती है। इसलिए दीप जलाना, घर की सफाई और सजावट करना देवी को आमंत्रित करने का एक प्रतीक बन गया है। यह क्रिया घर में सुख, समृद्धि और शांति लाने का माध्यम मानी जाती है.


धन और समृद्धि का महत्व

लक्ष्मी जी को धन, वैभव और खुशहाली की देवी माना जाता है, इसलिए दिवाली पर उनके स्वागत की विशेष परंपरा है। इस दिन घर में पूजा-अर्चना, दीप जलाना, मिठाई रखना और नए बर्तन सजाना देवी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती हैं और परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाती हैं। यह परंपरा केवल भौतिक समृद्धि के लिए नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सुख तथा सकारात्मक ऊर्जा के संचार का प्रतीक भी है.


अमावस्या की रात और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद

दिवाली की रात हमेशा अमावस्या या अंधेरी रात होती है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ और ऊर्जा से भरा समय माना जाता है। यह समय अंधकार के समाप्त होने और नए प्रकाश के आगमन का प्रतीक है, जो नए आरंभ और सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी देवी इस शुभ समय में घरों में प्रवेश करती हैं और अपने आशीर्वाद से परिवार में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और शांति लाती हैं। दीप जलाना और घर को रोशन करना इस ऊर्जा के स्वागत का प्रतीक है। यही कारण है कि दिवाली की रात लक्ष्मी जी के आगमन का समय मानी जाती है.