दिवाली 2025: लक्ष्मी-गणेश की पूजा में अर्पित करें ये खास भोग

दिवाली पूजा के भोग

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दिवाली पूजा के भोग: दिवाली, जो रोशनी का पर्व है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि दिवाली की रात विधिपूर्वक पूजा करने और सही भोग अर्पित करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि का संचार करती हैं। यदि आप भी इस दिवाली मां लक्ष्मी और गणेश जी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इन विशेष भोगों को अवश्य अर्पित करें।
दिवाली 2025 का शुभ मुहूर्त
- इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
- अमावस्या तिथि का आरंभ: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:44 बजे।
- अमावस्या तिथि की समाप्ति: 21 अक्टूबर 2025, शाम 05:54 बजे।
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: 20 अक्टूबर 2025, शाम 06:56 बजे से रात 08:04 बजे तक।
शास्त्रों के अनुसार, लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में अमावस्या तिथि पर करना श्रेष्ठ माना जाता है, जो 20 अक्टूबर को है।
भगवान गणेश के प्रिय भोग
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दिवाली पर भी मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा अनिवार्य है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित भोग अर्पित करें:
मोदक/लड्डू: भगवान गणेश को मोदक और बेसन के लड्डू बहुत पसंद हैं। इन्हें भोग में शामिल करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
पंचमेवा: काजू, बादाम, किशमिश, सूखा नारियल और खजूर मिलाकर बनाया गया पंचमेवा गणेश जी के लिए शुभ माना जाता है।
मां लक्ष्मी के प्रिय भोग
मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान निम्नलिखित भोग अर्पित करें:
खीर: मां लक्ष्मी को चावल और दूध से बनी खीर बहुत प्रिय है। इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
खील और पताशे: दिवाली के भोग में खील और पताशे अनिवार्य रूप से शामिल होते हैं। खील धन-धान्य का प्रतीक है।
मखाने: मखाने का भोग भी मां लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए।
सिंघाड़ा/अन्य मौसमी फल: मां लक्ष्मी को जल में उत्पन्न फल विशेष रूप से प्रिय हैं।
केसर भात/पीले मिष्ठान: माता लक्ष्मी को पीले और सफेद रंग के मिष्ठान अर्पित करना शुभ माना जाता है।
भोग लगाने का महत्व
दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग अर्पित करने से जीवन में खुशियों की वर्षा होती है। सही भोग अर्पित करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।