दिल्ली हाईकोर्ट ने धौला कुआं गैंगरेप मामले में दोषी की अपील पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2010 के धौला कुआं गैंगरेप मामले में एक दोषी की अपील पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में पांच आरोपियों को 2014 में दोषी ठहराया गया था। याचिकाकर्ता शाहिद उर्फ बिल्ली ने अपनी नाबालिग बेटी की बीमारी के कारण छुट्टी की अवधि बढ़ाने की मांग की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के निर्णय के बारे में।
Jun 11, 2025, 15:31 IST
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दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णय
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के धौला कुआं गैंगरेप मामले में एक दोषी, शाहिद उर्फ बिल्ली की अपील पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। यह मामला 23 नवंबर 2010 को मोती बाग से एक बीपीओ कर्मचारी का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार करने से संबंधित है, जिसे मेवाती गिरोह ने अंजाम दिया था। गैंगरेप के बाद पीड़िता को मंगोलपुरी क्षेत्र में फेंक दिया गया था। सभी पांच आरोपियों को 2014 में दोषी ठहराया गया था, और दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में उनकी सजा को बरकरार रखा था। जस्टिस गिरीश कठपालिया ने अभियोजन पक्ष को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने संबंधित जेल अधिकारियों से भी जानकारी मांगी है।
याचिकाकर्ता की स्थिति
पीठ ने यह भी देखा कि याचिकाकर्ता लगभग 13 वर्षों से बिना किसी छूट के जेल में है। इस अपील को 29 जुलाई को रोस्टर बेंच के समक्ष रखा जाएगा। इस बीच, हाईकोर्ट ने शाहिद को अपनी छुट्टी की समाप्ति पर आत्मसमर्पण करने से छूट दी है, क्योंकि उसकी नाबालिग बेटी कैंसर से पीड़ित है। उसे सरकार द्वारा छुट्टी दी गई थी, और उसने इस अवधि को बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने उसकी बेटी की तस्वीरों और मेडिकल दस्तावेजों का अवलोकन किया है। याचिकाकर्ता को छुट्टी की समाप्ति पर आत्मसमर्पण करना है, और यदि वह आवेदन करता है, तो इसमें समय लगेगा।
विशिष्ट परिस्थितियों का ध्यान
हाईकोर्ट ने 11 जून को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी छूट के लगभग 13 साल जेल में बिताए हैं, और इस मामले की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण, यह आवेदन स्वीकार किया गया है। कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को सरेंडर करने से छूट दी जाती है। यह स्पष्ट किया गया है कि यह आदेश दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में दिया गया है और इसे मिसाल नहीं माना जाना चाहिए। द्वारका कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2014 को शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, इकबाल उर्फ बिल्ली, शाहिद उर्फ बिल्ली और कमरुद्दीन उर्फ कमरू को दोषी ठहराया था।