दिल्ली हाईकोर्ट ने ORS विवाद में जॉनसन एंड जॉनसन को दी राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन की एक सहायक कंपनी को ORS विवाद में राहत प्रदान की है। कोर्ट ने FSSAI के आदेश पर रोक लगाई है, जिसमें कंपनी को अपने हेल्थ ड्रिंक पर ORS का उल्लेख करने से मना किया गया था। यह मामला तब शुरू हुआ जब डॉ. शिवरंजनी संतोष ने ORS वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। जानें ORS के स्वास्थ्य पर प्रभाव और इस विवाद की पूरी कहानी।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने ORS विवाद में जॉनसन एंड जॉनसन को दी राहत

दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

दिल्ली हाईकोर्ट ने ORS विवाद में जॉनसन एंड जॉनसन को दी राहत


दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जॉनसन एंड जॉनसन की एक सहायक कंपनी को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। कोर्ट ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें JNTL कंपनी को अपने हेल्थ ड्रिंक उत्पादों पर ORS का उल्लेख करने से मना किया गया था। हाल ही में FSSAI ने स्पष्ट किया था कि कोई भी कंपनी अपने उत्पाद के पैकेजिंग पर ओआरएस नहीं लिख सकती, सिवाय उन कंपनियों के जो ओआरएस के सॉल्ट और फार्मूला का उपयोग करती हैं और जिनके उत्पाद WHO के मानकों के अनुरूप हैं।


बाजार में कई ऐसे उत्पाद उपलब्ध थे जिन पर ORS लिखा गया था, लेकिन वे केवल सामान्य हेल्थ ड्रिंक थे। इसके बावजूद, उपभोक्ता इनका सेवन कर रहे थे, विशेषकर बच्चे। हैदराबाद की डॉ. शिवरंजनी संतोष ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी और कई वर्षों से इसके खिलाफ संघर्ष कर रही थीं। उनकी अपील के बाद ही FSSAI ने यह आदेश जारी किया था। अब, JNTL कंज्यूमर हेल्थ इंडिया के मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने FSSAI के आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होगी।


ORS विवाद का कारण

डॉ. शिवरंजनी संतोष का कहना है कि कई कंपनियां अपने हेल्थ ड्रिंक पर ORS का उल्लेख करती हैं, लेकिन उनमें ओआरएस का सॉल्ट WHO के मानकों के अनुसार नहीं होता। ORS वाले कई पैकेट्स में शुगर की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक होती है और इनमें आर्टिफिशियल स्वीटनर भी मिलाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।


डॉ. शिवरंजनी की शिकायत के बाद फूड सेफ्टी अथॉरिटी और कोर्ट ने ऐसे उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी। संस्था ने कहा कि ओआरएस का मुख्य कार्य शरीर में पानी की कमी को पूरा करना है, लेकिन कुछ ब्रांड में शुगर का स्तर अधिक है।


ORS का महत्व

ORS का उपयोग पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। दस्त या डिहाइड्रेशन की स्थिति में डॉक्टर ORS पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, यदि इसमें शुगर का स्तर अधिक हो जाए, तो यह बच्चों और डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। केवल वही ORS पीना चाहिए जो WHO के मानकों के अनुसार बना हो।


WHO के अनुसार, ORS बनाने के लिए 1 लीटर साफ पानी में 5 से 6 चम्मच चीनी और एक चम्मच नमक होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के स्वीटनर या रंग के लिए केमिकल का उपयोग नहीं होना चाहिए।


ज्यादा शुगर वाले ORS के नुकसान

ब्लड शुगर का बढ़ना, खासकर डायबिटीज के मरीजों में।


पेट दर्द और अपच, ज्यादा शुगर से गैस और दस्त की समस्या बढ़ सकती है।


मोटापा और कैलोरी इंटेक, बच्चों में बार-बार सेवन से वजन बढ़ सकता है।


एम्स के डॉक्टरों की राय

एम्स दिल्ली में पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. हिमांशु भदानी बताते हैं कि उल्टी और दस्त के मामलों में ORS बच्चों के लिए जीवनरक्षक है, लेकिन शुगर का सही स्तर भी आवश्यक है। ज्यादा मीठा ORS हानिकारक हो सकता है। इसलिए, हमेशा भरोसेमंद और सरकारी मानक वाले ORS पैकेट खरीदें। पैकेट पर शुगर कंटेंट और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।