दिल्ली हाई कोर्ट में तिहाड़ जेल की कब्रों को हटाने की याचिका

तिहाड़ जेल में कब्रों को हटाने की मांग

दिल्ली की तिहाड़ जेल में मोहम्मद मकबूल भट्ट और मोहम्मद अफजल गुरु की कब्रें स्थित हैं। अब इन कब्रों को हटाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में इन कब्रों को हटाने की मांग की गई है, क्योंकि दोनों को आतंकवाद से संबंधित मामलों में फांसी दी गई थी। यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ नामक संगठन द्वारा प्रस्तुत की गई है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जेल में इन कब्रों का होना अवैध और असंवैधानिक है। उन्होंने मांग की है कि इन कब्रों के अवशेषों को किसी गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि आतंकवाद का महिमामंडन और जेल परिसर का दुरुपयोग रोका जा सके।
याचिका में दिए गए तर्क
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कब्रों को हटाने के लिए कई कानूनी तर्क दिए गए हैं। इसमें कारागार अधिनियम, 1894, दिल्ली जेल मैनुअल, 2018, और अन्य कानूनों का उल्लेख किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जेल परिसर में धार्मिक संरचनाओं या कब्रों का निर्माण कानूनी रूप से निषिद्ध है।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि फांसी पर लटकाए गए कैदियों के अवशेषों का अंतिम संस्कार इस तरह से किया जाना चाहिए कि इसका महिमामंडन न हो। इससे जेल की व्यवस्था भी बनी रहेगी।
अवशेषों के स्थानांतरण की मांग
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि अफजल गुरु और मकबूल भट्ट के अवशेषों को किसी सुरक्षित और गुप्त स्थान पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल अवशेषों का स्थानांतरण नहीं है, बल्कि जेल परिसर में हो रहे दुरुपयोग को रोकने का भी एक उपाय है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि इन कब्रों की मौजूदगी कई लोगों के लिए तीर्थ स्थल बन चुकी है, और कुछ लोग इनकी पूजा करते हैं, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दिल्ली हाई कोर्ट अब इस मामले पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि क्या जेल प्रशासन को इन कब्रों को हटाने या स्थानांतरित करने का आदेश दिया जाना चाहिए।