दिल्ली हाई कोर्ट ने हिज़्बुल मुजाहिदीन प्रमुख के बेटे को दी ज़मानत

दिल्ली हाई कोर्ट ने हिज़्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बड़े बेटे सैयद अहमद शकील को ज़मानत दी है, जबकि छोटे बेटे शाहिद यूसुफ की याचिका खारिज कर दी गई। दोनों पर 2011 में आतंकवाद के आरोप हैं। शकील को 2018 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था, जबकि यूसुफ को 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में और जानकारी के लिए पढ़ें।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने हिज़्बुल मुजाहिदीन प्रमुख के बेटे को दी ज़मानत

दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हिज़्बुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन के बड़े बेटे, सैयद अहमद शकील को ज़मानत प्रदान की है। हालांकि, सलाहुद्दीन के छोटे बेटे शाहिद यूसुफ की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया गया। दोनों पर 2011 में आतंकवाद से संबंधित आरोप लगाए गए थे। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शैलिंदर कौर की पीठ ने शकील को एक लाख रुपये की निजी ज़मानत राशि जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। विस्तृत आदेश का इंतज़ार किया जा रहा है। शकील को 2018 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। 


यूसुफ की गिरफ्तारी और आरोप

शकील के छोटे भाई यूसुफ, जो जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग में कार्यरत थे, को अक्टूबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर पाकिस्तान से धन प्राप्त करने का आरोप है, जिसका उपयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया। 2019 में उनके खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दायर किया गया था। वहीं, शकील पर सऊदी अरब में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से धन जुटाने का आरोप है। 2021 में जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने सलाहुद्दीन के दोनों बेटों सहित 11 सरकारी कर्मचारियों को उनके कथित आतंकवादी संबंधों के कारण बर्खास्त कर दिया था। 


एनआईए का मामला और सलाहुद्दीन की स्थिति

यह मामला एनआईए द्वारा अप्रैल 2011 में दर्ज किया गया था, जो दिल्ली के माध्यम से हवाला चैनलों के जरिए पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में धन के हस्तांतरण से संबंधित है। सलाहुद्दीन को जून 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। वह हिज्बुल मुजाहिदीन का नेतृत्व करने के साथ-साथ कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के समूह, यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी अध्यक्ष है।