दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया, अमनदीप सिंह ढल्ल की याचिका पर सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है। यह याचिका दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपपत्र और समन आदेश को चुनौती देती है। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने सीबीआई से जवाब मांगा है, और मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। विशेष लोक अभियोजक ने याचिका की वैधता पर सवाल उठाया है, जबकि वकील ने ढल्ल की स्थिति स्पष्ट की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुनवाई की तिथियाँ।
Aug 19, 2025, 16:05 IST
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दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। इस याचिका में दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र और समन आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने सीबीआई से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) डीपी सिंह ने अदालत में पेशी दी। सुनवाई के दौरान, सीबीआई ने याचिका की वैधता पर सवाल उठाया, यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता दो साल बाद उच्च न्यायालय में आया है। हालांकि, यह याचिका खारिज नहीं की जाएगी।
विशेष लोक अभियोजक की दलीलें
विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने तर्क दिया कि संज्ञान आदेश को चुनौती दी जा सकती थी, जो दो साल पहले लिया गया था। अब याचिकाकर्ता संज्ञान लेने के दो साल बाद निरस्तीकरण याचिका दायर करना चाहते हैं। ढल्ल ने अधिवक्ता आदित एस पुजारी के माध्यम से याचिका दायर की है। वकील ने कहा कि याचिका में आरोपपत्र और समन आदेश को चुनौती दी गई है, न कि प्राथमिकी को। उन्होंने यह भी कहा कि ढल्ल अन्य आरोपियों के साथ कथित साजिश का हिस्सा नहीं थे। वकील पुजारी ने यह भी बताया कि 2023 में सीबीआई ने ढल्ल के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दायर किया था, जिसके बाद संज्ञान लिया गया और समन जारी किए गए।
मामले की पृष्ठभूमि
जुलाई 2024 में जांच पूरी हुई और एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया। फरवरी 2025 में, ढल्ल ने उन दस्तावेजों की एक सूची प्रस्तुत की जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वे स्थगन की मांग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने सीबीआई से पूछा कि क्या आपकी एकमात्र आपत्ति यह है कि समय सीमा समाप्त हो गई है? एजेंसी ने कहा कि यह दलील मान्य नहीं होगी। अदालत का दायरा सीमित है। यह मामला दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य भी आरोपी हैं।