दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी आवास आवंटन पर पारदर्शिता की आवश्यकता जताई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकारी आवासों के आवंटन में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। अदालत ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आवंटन प्रक्रिया अधिकारियों की इच्छाओं पर निर्भर नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने स्पष्ट नीति की आवश्यकता पर बल दिया और केंद्र से मौजूदा आवासीय आवंटन नीति का विवरण मांगा। इस मामले में केजरीवाल के लिए आवास आवंटन की मांग की गई थी, जिस पर केंद्र ने पहले ही एक बंगला आवंटित किया है। जानें इस महत्वपूर्ण मामले की पूरी जानकारी।
Sep 18, 2025, 20:05 IST
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दिल्ली हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सरकारी आवासों का आवंटन एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होना चाहिए, न कि अधिकारियों की इच्छाओं पर निर्भर। यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी की उस याचिका पर आई है जिसमें पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आवास की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति होनी चाहिए, और यह पूरी तरह से अधिकारियों की मनमानी पर निर्भर नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी पूछा कि प्राथमिकता का आकलन कैसे किया जाता है।
आवास आवंटन की नीति पर सवाल
न्यायाधीश ने कहा कि यह केवल आवंटन का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल है कि विवेकाधिकार का प्रयोग कैसे किया जाता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से मौजूदा आवासीय आवंटन नीति, पिछले आवंटनों का विवरण और नियमों के कार्यान्वयन के तरीके को रिकॉर्ड में शामिल करते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। 16 सितंबर को, न्यायालय ने सरकार की निर्णय लेने में देरी की आलोचना की और कहा कि इसका दृष्टिकोण सभी के लिए मुफ्त व्यवस्था जैसा है, और आवंटन का निर्णय चयनात्मक नहीं होना चाहिए। इसके बाद केंद्र से 18 सितंबर तक वर्तमान प्रतीक्षा सूची और नीतिगत ढांचे को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
केजरीवाल के लिए आवास आवंटन का मामला
आज की सुनवाई में, केंद्र के वकील ने अदालत को बताया कि केजरीवाल के लिए प्रस्तावित 35, लोधी एस्टेट का बंगला इस साल 24 जुलाई को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को आवंटित किया जा चुका है। यह जानकारी अदालत द्वारा पहले पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी गई। बसपा प्रमुख मायावती ने मई में इस संपत्ति को खाली किया था। आप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि पार्टी के प्रस्ताव पर विचार किए जाने के बावजूद, बंगला किसी और को आवंटित कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पूर्व शर्तें पूरी हो चुकी हैं और वे केंद्र में आवास की मांग कर रहे हैं।