दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शबीर शाह की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शबीर अहमद शाह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और आरोप प्राइम फेसी सही प्रतीत होते हैं। शाह, जो 2019 से न्यायिक हिरासत में हैं, पर अवैध गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शाह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इस निर्णय ने उनके खिलाफ चल रहे मामलों की गंभीरता को उजागर किया है।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शबीर शाह की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता शबीर अहमद शाह की जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और आरोप प्राइम फेसी सही प्रतीत होते हैं।


अवैध गतिविधियों की संभावना

कोर्ट ने यह भी कहा कि शाह के खिलाफ इसी प्रकार के 24 FIR दर्ज हैं। JKDPF के अध्यक्ष के रूप में, अवैध गतिविधियों में संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।


जमानत की स्थिति

शबीर अहमद शाह 2019 से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें जून 2019 में NIA द्वारा 2017 में अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ दर्ज आतंकवाद वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया गया था।


कोर्ट का निर्णय

न्यायमूर्ति नविन चावला और शालिंदर कौर की पीठ ने शाह की ओर से दायर नियमित जमानत और अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, "यह कहना अनावश्यक है कि आरोपों को ट्रायल कोर्ट द्वारा तय किया गया है, और नियमित जमानत की याचिका के लिए, यह विश्वास करने के लिए उचित आधार हैं कि अपीलकर्ता (शबीर अहमद शाह) के खिलाफ आरोप प्राइम फेसी सही प्रतीत होते हैं।"


ट्रायल कोर्ट का निर्णय

शाह ने जुलाई 2023 में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपील का निपटारा करते समय पर्याप्त सबूतों पर विचार किया।


गवाहों पर प्रभाव

हाई कोर्ट ने यह भी ध्यान में रखा कि शाह अवैध संगठन JKDPF के अध्यक्ष हैं और वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।