दिल्ली हाई कोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में मुस्लिम और सिख के अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की नियुक्ति की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी है। जानें इस मामले में कोर्ट का क्या कहना है और आगे की संभावनाएं क्या हैं।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय

दिल्ली हाई कोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष पद के लिए दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया है। इस याचिका में केवल मुस्लिम या सिख समुदाय के अलावा अन्य अल्पसंख्यकों (जैसे ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी) की नियुक्ति की मांग की गई थी।
कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला शामिल थे, ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत केंद्र सरकार के समक्ष रख सकता है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की अनुमति देते हुए इस याचिका का निपटारा किया। यदि कोई प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया जाता है, तो उस पर विचार किया जाएगा और उचित निर्णय लिया जाएगा। यह याचिका सलेक चंद जैन द्वारा दायर की गई थी। उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार, अल्पसंख्यक आयोग के 16 अध्यक्ष रहे हैं, जिनमें से 14 मुस्लिम और 2 सिख थे।

याचिका में उठाई गई मांगें

वकील ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांग रहे हैं कि ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को भी आयोग का प्रमुख बनाया जाए। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 3 में यह प्रावधान नहीं है कि आयोग में सभी अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य अनिवार्य रूप से शामिल होंगे।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल यह प्रावधान है कि अध्यक्ष सहित 5 सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे। यह नहीं बताया गया है कि अध्यक्ष किसी विशेष अल्पसंख्यक समुदाय से होना चाहिए। कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी है। अब यह देखना है कि याचिकाकर्ता इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं।