दिल्ली से शुरू हुई सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025

दिल्ली के छतरपुर मंदिर से शुरू हुई सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025, 10 दिनों में 422 स्थानों से गुजरते हुए वृंदावन पहुंचेगी। इस यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें कई प्रमुख हस्तियां भी शामिल थीं। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस यात्रा का उद्देश्य धार्मिक एकता के साथ-साथ यमुना नदी की सफाई और सामाजिक संकल्पों को आगे बढ़ाना बताया। जानें इस यात्रा के बारे में और क्या है इसके पीछे का संदेश।
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दिल्ली से शुरू हुई सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025

पदयात्रा का शुभारंभ

दिल्ली के छतरपुर मंदिर से 7 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025” का आगाज किया। यह 10 दिन की यात्रा दिल्ली से शुरू होकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 422 से अधिक स्थानों से होते हुए 16 नवंबर को वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में महासभा के साथ समाप्त होगी। इस पदयात्रा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। फरीदाबाद में आयोजित पड़ाव पर हजारों श्रद्धालु शामिल हुए, जिनमें कई प्रसिद्ध धार्मिक, खेल और मनोरंजन क्षेत्र की हस्तियां भी शामिल थीं। भारतीय रेसलर द ग्रेट खली, क्रिकेटर उमेश यादव और पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन ने भी इस अवसर पर भाग लिया।


प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएँ

ग्रेट खली ने कहा, “हर किसी को इस पदयात्रा का हिस्सा बनकर इसे सफल बनाना चाहिए।” शिखर धवन ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के उद्देश्य की सराहना करते हुए कहा, “हिंदुओं को जातिगत भेदभाव से ऊपर उठाकर एकजुट करना आवश्यक है। मजबूत भारत के लिए हिंदुओं का एक होना जरूरी है।” उमेश यादव ने भी अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा, “यह सब भगवान की कृपा है। हर व्यक्ति को अपने धर्म और ईश्वर के प्रति जागरूक होना चाहिए।” इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी उपस्थित रहे और धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात कर यात्रा को आशीर्वाद दिया। इस यात्रा में अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास महाराज भी शामिल हैं।


यात्रा का उद्देश्य

आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्र एकजुट हो रहा है, हिंदू जाग रहा है और सड़क पर आ रहा है। भारत जागेगा, जातिवाद से मुक्त होगा और राष्ट्रवाद की विचारधारा प्रबल होगी।” उन्होंने बताया कि यह यात्रा “यमुना को गंगा की तरह पवित्र बनाने और सनातन धर्म की अखंड एकता को स्थापित करने का प्रयास” है।


सामाजिक संकल्प

इस पदयात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक एकता नहीं, बल्कि यमुना नदी की सफाई और ब्रज क्षेत्र में मांस-शराब पर प्रतिबंध जैसे सामाजिक संकल्पों को भी आगे बढ़ाना है। यात्रा में जया किशोरी, कवि कुमार विश्वास, अक्षरा सिंह, सुनील ग्रोवर और कई प्रसिद्ध संतों— जैसे साध्वी ऋतंभरा, चिदानंद मुनि, स्वामी ज्ञानानंद महाराज के शामिल होने की संभावना है। यह यात्रा लगभग दो लाख श्रद्धालुओं की भागीदारी और पांच करोड़ लोगों तक संदेश पहुंचाने का दावा करती है।


सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन

“सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में उभर रही है, जो आस्था, पर्यावरण और राष्ट्रीय एकता के सूत्र को एक साथ पिरोने का प्रयास कर रही है।