दिल्ली सरकार ने स्कूल फीस पर नियंत्रण के लिए नया अध्यादेश पारित किया

दिल्ली कैबिनेट का महत्वपूर्ण निर्णय
दिल्ली: दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को एक नया अध्यादेश पारित किया है, जिसका उद्देश्य माता-पिता को भारी और अनुचित स्कूल फीस से बचाना है। यह निर्णय निजी स्कूलों की फीस संरचना पर नियम लागू करने का प्रयास करता है। इसके साथ ही, यह शहर सरकार को नियमों के उल्लंघन पर कड़ी सजा लगाने का अधिकार भी देता है।
अध्यादेश का विवरण
दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस की निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 के तहत तैयार किया गया यह अध्यादेश जल्द ही राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह कदम अंततः कानून का रूप लेगा। उन्होंने इस निर्णय को 'स्वर्णिम' बताते हुए इसे ऐतिहासिक दिन कहा।
अध्यादेश का उद्देश्य
यह कदम विशेष रूप से उन माता-पिता की रक्षा के लिए देखा जा रहा है, जिनके बच्चे निजी अनुदानित स्कूलों में पढ़ते हैं। इसके अलावा, यह निर्णय फीस संरचना में मनमाने वृद्धि को रोकने में मदद करेगा।
दंड और जुर्माने की जानकारी
दंड और जुर्माने का विवरण
पहली बार उल्लंघन पर: 1 से 5 लाख रुपये
दोहराए जाने वाले उल्लंघनों पर: 2 से 10 लाख रुपये
संक्षेप में, यह अध्यादेश सरकार को निजी स्कूलों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार देता है यदि वे नियमों का पालन नहीं करते। इसके अलावा, यदि कोई निजी शैक्षणिक संस्थान 20 कार्य दिवसों के भीतर अतिरिक्त राशि को वापस करने में देरी करता है या विफल रहता है, तो दंड की राशि दोगुनी हो जाएगी। स्कूल प्रबंधन भविष्य में फीस संशोधन का अधिकार भी खो सकता है।
नोट: सभी निजी स्कूलों को जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, हर शैक्षणिक वर्ष में 15 जुलाई तक एक स्कूल स्तर की फीस विनियमन समिति स्थापित करनी होगी।