दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस विनियमन के लिए नया विधेयक पेश किया
दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस को विनियमित करने के लिए एक नया विधेयक पेश किया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकना है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह विधेयक उन माफियाओं के खिलाफ है जो शिक्षा को बेचने का प्रयास कर रहे हैं। विधेयक का लक्ष्य सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए समान शुल्क विनियमन सुनिश्चित करना है। हालांकि, विपक्ष ने इसे प्राइवेट स्कूल मालिकों को लाभ पहुंचाने वाला बताया है।
Aug 4, 2025, 19:05 IST
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दिल्ली में शिक्षा के व्यावसायीकरण पर रोक
दिल्ली सरकार ने सोमवार को विधानसभा में निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया। 'दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025' के तहत शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि शिक्षा को व्यापार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह विधेयक उन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए लाया गया है जो शिक्षा को बेचने का प्रयास कर रहे हैं।
इस नए विधेयक का उद्देश्य सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों, जिसमें अल्पसंख्यक संस्थान भी शामिल हैं, के लिए समान शुल्क विनियमन सुनिश्चित करना है। पहले, दिल्ली में शुल्क विनियमन केवल उन निजी स्कूलों पर लागू होता था जो दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर संचालित होते थे। यह विधेयक स्कूलों को बकाया या विलंबित शुल्क के लिए छात्रों को परेशान करने से भी रोकता है, जिसमें नाम काटना, परिणाम रोकना, कक्षाओं में प्रवेश से वंचित करना या सार्वजनिक रूप से अपमानित करना शामिल है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस विधेयक को धोखा बताते हुए कहा कि यह प्राइवेट स्कूल मालिकों को बचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल उनकी बेलगाम फीस वृद्धि को वैधता प्रदान करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पहले अप्रैल में पेश होना था, लेकिन अब अगस्त आ गया है। प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को फीस के लिए डराया-धमकाया है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को सड़कों पर लाएंगे और कोर्ट में भी जाएंगे।