दिल्ली विस्फोट: अमोनियम नाइट्रेट का खतरनाक चेहरा और भारत में इसका कारोबार

दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट ने अमोनियम नाइट्रेट के खतरनाक पहलुओं को उजागर किया है। यह रसायन खेती में उपयोगी है, लेकिन गलत हाथों में यह जानलेवा बन सकता है। जानें इसके उत्पादन, उपयोग और भारत में इसके कारोबार के बारे में। क्या आप जानते हैं कि भारत में इसका कारोबार हजारों करोड़ का है? इस लेख में हम इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
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दिल्ली विस्फोट: अमोनियम नाइट्रेट का खतरनाक चेहरा और भारत में इसका कारोबार

दिल्ली में विस्फोट की घटना

दिल्ली विस्फोट: अमोनियम नाइट्रेट का खतरनाक चेहरा और भारत में इसका कारोबार

दिल्ली में हुए भीषण विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट की भूमिका!

दिल्ली विस्फोट: 10 नवंबर का दिन दिल्ली के लिए एक गहरा जख्म बन गया है। एक जोरदार धमाके ने राजधानी की रफ्तार को थाम दिया। इस भीषण घटना में कई लोगों की जानें गईं और अनेक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस तबाही के पीछे एक ऐसा रसायन है, जिसे हम अक्सर सुनते हैं, लेकिन शायद इसकी असली ताकत से अनजान हैं – अमोनियम नाइट्रेट। यह रसायन खेती से लेकर खनन तक में उपयोग होता है, लेकिन जब इसका गलत इस्तेमाल होता है, तो यह जानलेवा बन सकता है। सवाल यह है कि यह रसायन वास्तव में क्या है और भारत में इसका कारोबार कितना बड़ा है?


अमोनियम नाइट्रेट: दोहरे चेहरे वाला रसायन

अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा रसायन है जो एक ही समय में जीवनदायी और विनाशकारी दोनों हो सकता है। इसका उपयोग दो मुख्य रूपों में होता है। पहला, यह एक महत्वपूर्ण नाइट्रोजन युक्त खाद है, जो फसलों की वृद्धि में मदद करता है। जब किसान इसे अपने खेतों में डालते हैं, तो यह फसलों को तेजी से बढ़ने में सहायता करता है।

दूसरी ओर, इसका औद्योगिक उपयोग भी है, जहां इसे विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। खनन, सुरंग निर्माण और बड़े निर्माण कार्यों में चट्टानों को तोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। जब इसे फ्यूल ऑयल के साथ मिलाया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली विस्फोटक मिश्रण बनाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग आतिशबाजी, कीटनाशक और खरपतवारनाशक बनाने में भी किया जाता है।


अमोनियम नाइट्रेट का खतरा

अमोनियम नाइट्रेट की असली प्रकृति को समझना आवश्यक है। यह खुद ज्वलनशील नहीं है, लेकिन एक ऑक्सीकारक है। इसका मतलब है कि यह आग को तेजी से भड़काने में मदद करता है। जब यह किसी ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आता है और सही तापमान या चिंगारी मिलती है, तो यह विनाशकारी विस्फोट कर सकता है। इसी कारण से, आतंकवादी संगठन इसका दुरुपयोग करते हैं। भारत सरकार ने इसे खुले बाजार में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर दिया है और इसके लिए कड़े नियम बनाए गए हैं।

1- अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012: इस कानून के तहत, इस रसायन का निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है।

2- PESO की निगरानी: यह लाइसेंस पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन द्वारा जारी किया जाता है।

3- भंडारण के कड़े नियम: इसे सामान्य गोदाम में नहीं रखा जा सकता। इसे फायर प्रूफ स्थान पर रखना आवश्यक है।

4- कड़ी सजा: नियमों का उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।


भारत में अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन

दिल्ली की घटना के बाद यह जानना आवश्यक है कि भारत में अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन कौन करता है। भारत में इसका कारोबार हजारों करोड़ का है। अनुमान के अनुसार, 2025 में इसका बाजार 1,506.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। भारत में इसकी उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष लगभग 10.96 लाख टन है।

1- उर्वरक क्षेत्र की कंपनियां: भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड और चंबल फर्टिलाइजर्स जैसी कंपनियां इससे जुड़ी हैं।

2- औद्योगिक ग्रेड के उत्पादक: दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड इस क्षेत्र में प्रमुख उत्पादक है।

कीमतें भी इसके ग्रेड के अनुसार भिन्न होती हैं। खाद वाले ग्रेड की कीमत ₹20 से ₹100 प्रति किलो तक हो सकती है, जबकि औद्योगिक ग्रेड की कीमत ₹100 से ₹160 प्रति किलो तक हो सकती है।