दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक दलों की वित्तीय स्थिति में बड़ा अंतर
दिल्ली में राजनीतिक दलों की वित्तीय स्थिति
दिल्ली में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद, चुनाव आयोग को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा प्रस्तुत वित्तीय खुलासों में एक स्पष्ट आर्थिक असमानता देखने को मिली है। रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP), जो केंद्र और दिल्ली में सत्ता में है, के पास 6,900 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि है। इसके विपरीत, कांग्रेस, जो देश की सबसे पुरानी पार्टी है, के पास पार्टी मुख्यालय और अन्य इकाइयों को मिलाकर केवल 53 करोड़ रुपये की राशि है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक दिलचस्प तथ्य यह है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) के खातों में 580 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मौजूद है, भले ही उसकी चुनावी उपस्थिति सीमित रही हो। यह दर्शाता है कि चुनावी प्रदर्शन और पार्टी की वित्तीय स्थिति के बीच हमेशा सीधा संबंध नहीं होता।
अन्य दलों की वित्तीय स्थिति
चुनाव आयोग को प्रस्तुत विवरण के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) के पास 9.9 करोड़ रुपये, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM) के पास 4 करोड़ रुपये, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के पास केवल 41 लाख रुपये हैं। जबकि BSP के खाते में 580 करोड़ रुपये की राशि दर्ज की गई है।
ये आंकड़े दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद विभिन्न दलों द्वारा दिए गए बैंक बैलेंस विवरण पर आधारित हैं।
कांग्रेस का चंदा
कांग्रेस ने 24 अक्टूबर को चुनाव आयोग में दाखिल किए गए योगदान विवरण में बताया कि उसे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 517 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ है। यह राशि 20,000 रुपये से अधिक के व्यक्तिगत दान के रूप में मिली है, जिसे कानून के तहत सार्वजनिक रूप से घोषित करना आवश्यक है। राजनीतिक दल 20,000 रुपये से कम के दान देने वालों का विवरण सार्वजनिक नहीं करते, जबकि कुल संग्रह का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं छोटे दानों से आता है।
बिहार चुनावों की स्थिति
बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद, किसी भी राजनीतिक दल ने चुनाव आयोग को योगदान या बैंक बैलेंस से संबंधित कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। इससे वहां की राजनीतिक दलों की मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं मिल पाई है।
