दिल्ली में स्मॉग की चादर: वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में

रविवार को दिल्ली में स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही। AQI 305 दर्ज किया गया, जो पिछले दिन की तुलना में थोड़ा कम है। मुंडका क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण देखा गया, जहाँ AQI 365 रहा। इस सप्ताह, हवा की गुणवत्ता में उतार-चढ़ाव आया, जो मंगलवार को 372 तक पहुंच गई। जानें प्रदूषण के स्थानीय कारण और प्रभावित क्षेत्रों के बारे में अधिक जानकारी।
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दिल्ली में स्मॉग की चादर: वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में

दिल्ली में स्मॉग की स्थिति

रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग की एक मोटी परत छाई रही। शहर की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही, जिसमें औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 दर्ज किया गया। यह पिछले दिन की तुलना में थोड़ा कम था। इसके साथ ही, राजधानी में ठंड का प्रकोप जारी रहा, और तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना रहा।


कहाँ है सबसे अधिक प्रदूषण?

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा सुबह 7 बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण मुंडका क्षेत्र में देखा गया, जहाँ AQI 365 रहा। दिल्ली के 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 26 ने हवा की गुणवत्ता को 'बहुत खराब' बताया, जबकि शेष 13 स्टेशनों ने इसे 'खराब' स्तर पर दर्ज किया।


प्रमुख प्रदूषित क्षेत्र

जिन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' (AQI 301-400) पाई गई, उनमें मुंडका (365), बवाना (352), रोहिणी (341), वजीरपुर (337), आरके पुरम (326), आनंद विहार (327), अशोक विहार (325), पंजाबी बाग (320), सिरीफोर्ट (318), चांदनी चौक (308) और विवेक विहार (304) शामिल हैं।


इसके अलावा, 'खराब' हवा की गुणवत्ता (AQI 201-300) वाले स्थानों में अलीपुर (282), आया नगर (263), IGI एयरपोर्ट (227), और मंदिर मार्ग (212) शामिल थे।


इस सप्ताह की हवा की स्थिति

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पूरे सप्ताह में बदलती रही। यह शनिवार को 327 से घटकर रविवार को 305 पर आ गई। सप्ताह के दौरान, यह मंगलवार को 372 तक पहुंच गई, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में सबसे ऊँचा स्तर था।


प्रदूषण के स्थानीय कारण

दिल्ली के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए बनाए गए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार, शहर के प्रदूषण में स्थानीय योगदान का सबसे बड़ा हिस्सा ट्रांसपोर्ट का था, जो 14.8% रहा। इसके बाद दिल्ली और आस-पास की इंडस्ट्रीज (7.3%), रिहायशी स्रोत (3.6%) और कंस्ट्रक्शन (2%) का योगदान रहा। पड़ोसी NCR जिलों में, झज्जर का योगदान 13.9% और रोहतक का 5.2% दर्ज किया गया।