दिल्ली में विस्फोट: आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ और संदिग्धों की गिरफ्तारी
दिल्ली में लाल किले के पास हुए एक विस्फोट ने आठ लोगों की जान ले ली और 24 अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर रखा गया है। जांच में एक अंतर-राज्यीय आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। फरीदाबाद में विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है, और यह मॉड्यूल प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा हुआ है।
| Nov 10, 2025, 23:38 IST
दिल्ली में विस्फोट की घटना
सोमवार शाम को दिल्ली के लाल किले के निकट एक शक्तिशाली विस्फोट ने आठ लोगों की जान ले ली और 24 अन्य को घायल कर दिया। इस घटना की जांच जारी है, लेकिन यह उस दिन हुई जब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के पुलिसकर्मियों ने एक अंतर-राज्यीय आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया और बम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और एक असॉल्ट राइफल बरामद की।
विस्फोट का विवरण
दिल्ली पुलिस के प्रमुख सतीश गोलचा ने बताया कि शाम लगभग 6:52 बजे लाल किले के पास एक धीमी गति से चलने वाली गाड़ी रुकी, जिसमें विस्फोट हुआ। गोलचा ने कहा, "इस विस्फोट ने आस-पास के वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया।"
हाई अलर्ट की स्थिति
दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद, राष्ट्रीय राजधानी, मुंबई और कोलकाता में सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर रखा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में निगरानी बढ़ा दी गई है।
दिल्ली को दहलाने की साजिश
हरियाणा के फरीदाबाद में एक अपार्टमेंट से विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद किया गया, जिसमें 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और 2,500 किलोग्राम विस्फोटक बनाने वाले रसायन शामिल थे।
संदिग्धों की गिरफ्तारी
इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने में फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय और अस्पताल के चिकित्सा पेशेवरों की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण रही। एक डॉक्टर मुज़म्मिल शकील को उसके किराए के परिसर से गिरफ्तार किया गया, जहाँ रसायन छिपाए गए थे।
आतंकवादी मॉड्यूल का संबंध
यह मॉड्यूल प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गज़वत-उल-हिंद से जुड़ा हुआ था, जो फरीदाबाद में विस्फोटकों की तस्करी और भंडारण में शामिल थे।
आतंकवाद-रोधी कार्रवाई
यह अभियान एक बहु-दिवसीय कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान स्थित संचालकों के संपर्क में कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल थे।
सफेदपोश आतंकवादी नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए लोग एक "सफेदपोश आतंकवादी नेटवर्क" का हिस्सा थे, जिसमें डॉक्टर और शिक्षाविद शामिल थे, जो पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहे थे।
