दिल्ली में विशेष बच्चों के लिए स्कूल प्रवेश के नए दिशा-निर्देश

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने विशेष बच्चों के लिए स्कूल दाखिले के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत, 'बेंचमार्क दिव्यांगता' वाले बच्चे आवेदन कर सकते हैं। आयु मानदंड और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानें। इसके अलावा, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कैपिटेशन फीस की मांग पर भी जानकारी दी गई है। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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दिल्ली में विशेष बच्चों के लिए स्कूल प्रवेश के नए दिशा-निर्देश

विशेष बच्चों के लिए प्रवेश प्रक्रिया

दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में विशेष बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) के दाखिले के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शुक्रवार को जारी किए गए परिपत्र के अनुसार, 'बेंचमार्क दिव्यांगता' वाले बच्चे इस प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकते हैं।


'बेंचमार्क दिव्यांगता' का अर्थ है कि बच्चे की दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए और इसे सरकारी अस्पताल द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक है।


परिपत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बौद्धिक दिव्यांगता, सीखने की विशिष्ट दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार या संबंधित श्रेणियों के बच्चों का मूल्यांकन या नैदानिक रिपोर्ट के आधार पर किया जा सकता है।


विशेष आवश्यकता वाले आवेदकों के लिए आयु मानदंड 31 मार्च, 2025 तक प्री-स्कूल/नर्सरी के लिए तीन से सात वर्ष, किंडरगार्टन के लिए चार से आठ वर्ष और पहली कक्षा के लिए पांच से नौ वर्ष निर्धारित किया गया है।


परिपत्र में यह भी बताया गया है कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सोमवार (दो जून) से शुरू होगी और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 जून है। इसके बाद 7 जुलाई को एक 'कम्प्यूटरीकृत ड्रा' आयोजित किया जाएगा।


इसके अतिरिक्त, शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत, कोई भी स्कूल दाखिले के समय 'कैपिटेशन फीस' या 'डोनेशन' की मांग नहीं कर सकता है। कुछ शैक्षणिक संस्थाएं अवैध रूप से पैसे लेकर प्रवेश देती हैं, जिसे 'कैपिटेशन फीस' कहा जाता है।


किसी भी उल्लंघन के मामले में, मांगी गई राशि का दस गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है। अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे दाखिला सुनिश्चित करने के लिए आवासीय विवरण में हेरफेर न करें, क्योंकि कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ 'लोकेशन डाटा' पर आधारित है।