दिल्ली में रियल एस्टेट धोखाधड़ी: 30 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी की गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक 49 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो होम बायर्स से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपी है। यह व्यक्ति एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी से जुड़ा था और उसने कई लोगों को बड़े सपने दिखाकर करोड़ों रुपये ठग लिए। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि उसके खिलाफ पहले से 75 मामले दर्ज हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली में रियल एस्टेट धोखाधड़ी: 30 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी की गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक 49 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर एक होम बायर्स से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है.


आरोपी की पहचान और ठगी का तरीका

गिरफ्तार व्यक्ति एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी से जुड़ा हुआ है और उसने कई लोगों को बड़े सपने दिखाकर करोड़ों रुपये ठग लिए. यह व्यक्ति बीए तक पढ़ा है और ग्रेजुएशन के बाद एक ऐसा व्यवसाय शुरू किया, जिससे लोग उसकी ओर आकर्षित हुए. हालांकि, उसकी असलियत कई सालों बाद सामने आई. पिछले साढ़े तीन वर्षों में, उसने लोगों को धोखा देकर करोड़ों रुपये हड़प लिए. एक व्यक्ति ने अंततः दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुई और पता चला कि उसके खिलाफ पहले से 75 मामले दर्ज हैं.


बिल्डर्स की धोखाधड़ी

दिल्ली-एनसीआर में कई बिल्डर्स हैं जो लोगों से पैसे लेकर वर्षों से मकान नहीं दे रहे हैं. खासकर, नोएडा एक्सटेंशन में आम्रपाली बिल्डर्स जैसे कई अन्य बिल्डर्स भी हैं, जिन्होंने लोगों से पैसे लेकर फ्लैट कैंसिल कर दिए हैं. पिछले कुछ वर्षों से होम बायर्स करोड़ों रुपये देकर भी न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं.


शिकायत और गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में सुनील गुप्ता ने 2022 में वर्धमान एस्टेट्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेस्था प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हरिंदर बशिष्ठ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. गुप्ता ने बताया कि 2009 में वर्धमान ने नोएडा एक्सटेंशन में एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था, लेकिन बाद में कंपनी ने उसके द्वारा बुक किए गए फ्लैट और दुकान को रद्द कर दिया.


पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस के अनुसार, बिल्डर के खिलाफ अब तक 75 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं. हरिंदर को गिरफ्तार कर लिया गया है और कोर्ट ने उसे 4 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. आरोपी कंपनी ने बिना अधिकार के बायर्स एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर शिकायतकर्ताओं को धोखा दिया.


जांच के परिणाम

दिल्ली पुलिस और नोएडा प्राधिकरण की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कंपनी के खाते में पैसे के लेन-देन की पुष्टि हुई है. नोएडा प्राधिकरण की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि वर्धमान एस्टेट्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास खरीदारों के नाम पर बायर्स एग्रीमेंट करने का कोई अधिकार नहीं था.