दिल्ली में यातायात जाम से राहत के लिए PWD के आठ प्रमुख प्रोजेक्ट

दिल्ली में यातायात समस्या का समाधान
दिल्ली में यातायात जाम की समस्या को हल करने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसके लिए विभाग ने सलाहकारों को आमंत्रित किया है ताकि इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा सके। इस परामर्श सेवा की लागत लगभग 14.6 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सभी तकनीकी, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलुओं का गहन अध्ययन किया जाएगा।
ITO पर प्रमुख बदलाव! अन्य योजनाओं की जांच करें
PWD के अधिकारियों ने बताया कि ITO पर एक अंडरपास या फ्लाईओवर बनाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, IGI टर्मिनल-1 पर एक फ्लाईओवर और आंतरिक रिंग रोड पर एक ऊंचा मार्ग बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।
ITO पर सबसे बड़े चौराहे के विकास की भी तैयारी चल रही है। वर्तमान में, यह राष्ट्रीय राजधानी का एक व्यस्ततम जंक्शन है। प्रस्तावित योजना में एक 4 किमी का एकीकृत कॉरिडोर शामिल है, जो क्षेत्र में सभी प्रमुख सड़कों, गलियों और परिवहन के साधनों को जोड़ेगा।
महत्वपूर्ण सड़कें और उनके समाधान
एक अन्य महत्वपूर्ण सड़क 7 किमी लंबी देशबंधु गुप्ता रोड है, जो पहाड़गंज से अजमेरी गेट तक जाती है। इस सड़क पर लगभग सात ट्रैफिक सिग्नल हैं, जिससे दिनभर भारी जाम लगता है। फ्लाईओवर या अंडरपास के निर्माण के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन प्रस्तावित किया गया है।
शादिपुर डिपो क्षेत्र को भी इस परियोजना के तहत पहचाना गया है। इसमें चार प्रमुख चौराहे शामिल हैं, जिनमें मथुरा रोड पर 40 मीटर और गोस्वामी गिर्धारी मार्ग पर 30.5 मीटर का अधिकार है।
परियोजनाओं का सारांश
परियोजना स्थान | लंबाई | वर्तमान समस्या | प्रस्तावित समाधान | अपेक्षित लाभ |
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देशबंधु गुप्ता रोड (पहाड़गंज से अजमेरी गेट) | 7 किमी | 7 प्रमुख सिग्नल के कारण भारी ट्रैफिक | फ्लाईओवर/अंडरपास | दिल्ली के केंद्रीय क्षेत्र और स्टेशन क्षेत्र के लिए प्रमुख राहत |
शादिपुर डिपो क्षेत्र | 4 किमी | 4 प्रमुख चौराहों पर दैनिक ट्रैफिक जाम | फ्लाईओवर | करोल बाग, राजौरी गार्डन और पटेल नगर तक बेहतर पहुंच |
हिंद विहार, किरारी (रोहतक रेलवे लाइन ROB) | 1 किमी | रेलवे लाइन के कारण कोई सीधा सड़क संपर्क नहीं | रोड ओवर ब्रिज (ROB) | नांगलोई और रोहिणी के लिए सीधा संपर्क |
ITO चौराहा | 4 किमी | व्यस्ततम चौराहा, बार-बार जाम | फ्लाईओवर/अंडरपास | सरकारी कार्यालयों के पास सुगम यातायात |
नानकसर गुरुद्वारा टी-पॉइंट से दिल्ली-यूपी सीमा (ट्रोनिका सिटी) | 6 किमी | पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील मार्ग, जाम | ऊंचा कॉरिडोर | उत्तर-पूर्व दिल्ली से यूपी के लिए सीधा मार्ग |
नजफगढ़-फिरनी रोड से NH-48 और पुरानी दिल्ली–गुरुग्राम रोड | 20 किमी | 15 ट्रैफिक सिग्नल के कारण देरी | कॉरिडोर विकास | नजफगढ़ और द्वारका ट्रैफिक के लिए राहत |
शिवाजी मार्ग (जाखिरा क्रॉसिंग से करमपुरा फ्लाईओवर) | 2.2 किमी | पश्चिम दिल्ली के स्थानीय क्षेत्रों के बीच खराब संपर्क | सड़क सुधार/फ्लाईओवर | मोती नगर, कीर्ति नगर, पटेल नगर, करमपुरा के लिए बेहतर संपर्क |
IGI एयरपोर्ट (NSG मुख्यालय के पास) | 2 किमी | एयरपोर्ट रोड पर दैनिक लंबे जाम | फ्लाईओवर/अंडरपास | घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सुगम पहुंच |
उन्नयन का कारण
ITO और IGI पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, यात्रियों को राहत प्रदान करने, कनेक्टिविटी को बढ़ाने और यात्रा के अनुभव को आसान बनाने के लिए ये परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन परियोजनाओं की DPR तैयार करने में लगभग 9 से 12 महीने का समय लगेगा।