दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर घटा, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर घटकर 207.33 मीटर हो गया है, जबकि बाढ़ ने निचले इलाकों में तबाही मचाई है। राहत शिविरों में रह रहे लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा है। अधिकारियों ने स्थिति को स्थिर बताया है, लेकिन स्थानीय लोगों ने तैयारी की कमी का आरोप लगाया है। मयूर विहार और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे राहत कार्य प्रभावित हुए हैं। जानें पूरी स्थिति और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बारे में।
 | 
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर घटा, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी

यमुना नदी का जलस्तर घटा

दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह 207.33 मीटर दर्ज किया गया, जो कि पिछले दिन 207.48 मीटर था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह छह बजे जलस्तर 207.35 मीटर पर था। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में और कमी आने की संभावना है। हाल के दिनों में नदी ने निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई है, जिससे कई घरों में पानी भर गया है, लोग विस्थापित हुए हैं और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं।


बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य खतरा

दिल्ली में राहत शिविरों में रह रहे लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा है, क्योंकि बृहस्पतिवार को यमुना का पानी सिविल लाइंस क्षेत्र में घुस गया। यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच 207.47 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आनी शुरू हो गई। शाम सात बजे तक जलस्तर 207.42 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ संबंधी पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार सुबह आठ बजे तक जलस्तर 207.30 मीटर तक गिरने की संभावना है।


राहत शिविरों में बाढ़ का पानी घुसा

मयूर विहार फेज-1 और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी राहत शिविरों में घुस गया है, जिससे विस्थापित लोगों की स्थिति और खराब हो गई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर में कुछ लोग और पालतू जानवर फंस गए थे। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बचाव कार्य करने से मना कर दिया, लेकिन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और बोट क्लब के कर्मचारियों ने गायों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया।


अधिकारियों पर तैयारी की कमी का आरोप

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर, दक्षिण पूर्व और शाहदरा जिलों में स्थिति स्थिर है। मध्य दिल्ली में, डीडीएमए और बोट क्लब ने 80 वर्ष से अधिक आयु के चार लोगों को निकाला। सिविल लाइंस क्षेत्र में सड़कें नालों में तब्दील हो गईं हैं, जिससे स्थानीय लोगों ने अधिकारियों पर उचित तैयारी न करने का आरोप लगाया है।


जलभराव का कारण खराब निकासी

अधिकारियों ने जलभराव का कारण इलाके में खराब निकासी व्यवस्था को बताया है। दिल्ली सचिवालय भी जलमग्न हो गया है। मयूर विहार फेज 1 जैसे निचले इलाकों में राहत शिविर जलमग्न हो गए हैं, जिससे विपक्ष ने सरकार की तैयारियों की आलोचना की है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि आईएसबीटी और सिविल लाइंस के पास जलभराव की स्थिति नालों को एहतियातन बंद करने के कारण उत्पन्न हुई।


यातायात पर प्रभाव

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने के कारण यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने वाला मार्ग दुर्गम हो गया है। हालांकि, स्टेशन चालू है और यात्री इसे इंटरचेंज प्वाइंट के रूप में उपयोग कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि वे राहत कार्यों से नदारद हैं।