दिल्ली में भीषण कार विस्फोट: अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार विस्फोट ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक समुदाय को भी हिला दिया है। इस घटना में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक घायल हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, और अन्य देशों ने भारत के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। यह घटना उस समय हुई है जब भारत वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। जानें इस घटना पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ और भविष्य की चुनौतियाँ।
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दिल्ली में भीषण कार विस्फोट: अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

दिल्ली में कार विस्फोट की घटना

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के निकट सोमवार शाम को हुए भयंकर कार विस्फोट ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक समुदाय को भी हिला कर रख दिया है। इस घटना में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जब दुनिया आतंकवाद के नए रूपों का सामना कर रही है, तब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि दिल्ली धमाके की जांच से क्या निष्कर्ष निकलते हैं। यह जानने की जिज्ञासा है कि इस धमाके को किसने अंजाम दिया, इसके पीछे क्या कारण थे और इसमें किन सामग्रियों का उपयोग किया गया।


अंतरराष्ट्रीय समर्थन और संवेदनाएँ

इस घटना के बाद, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे भारत के राष्ट्रीय राजधानी में हुई इस घटना पर विश्व के नेताओं ने भारत के प्रति अपनी संवेदनाएँ और समर्थन व्यक्त किया है। अमेरिका ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा है कि वह स्थिति पर लगातार नजर रखेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा, “हम प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” इसके अलावा, दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को लाल किला और चांदनी चौक क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी है।


दुनिया भर की प्रतिक्रियाएँ

विस्फोट के बाद, ब्रिटेन ने यात्रा संबंधी सलाह जारी की है, जबकि रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने ‘एक्स’ पर लिखा, “लाल किले पर हुए विस्फोट से मैं स्तब्ध हूँ। मुझे विश्वास है कि भारत की गहन जांच इस घटना के कारणों का खुलासा करेगी।” इज़राइल के राजदूत रेवुवेन अजार ने इसे “हृदयविदारक घटना” बताते हुए बचावकर्मियों और सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि वह “इस घटना से स्तब्ध” है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करता है। चीन के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि किसी चीनी नागरिक के हताहत होने की सूचना नहीं है।


दक्षिण एशियाई देशों की संवेदनाएँ

श्रीलंका, मालदीव और नेपाल ने भी इस विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा, “हम भारत के लोगों के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े हैं।”


भविष्य की चुनौतियाँ

दिल्ली में यह विस्फोट उस समय हुआ है जब भारत जी-20 के बाद वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है और पड़ोसी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहे हैं। विस्फोट की प्रकृति भले ही अभी स्पष्ट न हो, लेकिन इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव गहरा है। यह दर्शाता है कि शांति के केंद्र में भी असुरक्षा का साया मौजूद है। अमेरिका, रूस, चीन, इज़राइल और दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों की त्वरित प्रतिक्रियाएँ यह संकेत देती हैं कि भारत की सुरक्षा अब केवल घरेलू चिंता नहीं, बल्कि एक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दा बन गई है।


भूटान में प्रार्थना सभा

जहां दुनिया भर में दिल्ली की घटना पर दुख व्यक्त किया जा रहा है, वहीं भूटान के महामहिम राजा ने थिम्पू के चांगलिमथांग स्टेडियम में हजारों भूटानी लोगों के साथ दिल्ली विस्फोट के पीड़ितों के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया।