दिल्ली में बच्चों के लिए नया मायोपिया क्लीनिक शुरू
बच्चों में मायोपिया की बढ़ती समस्या
आजकल की बदलती जीवनशैली और डिजिटल उपकरणों के अधिक उपयोग के कारण बच्चों और युवाओं में मायोपिया, जिसे निकट दृष्टि दोष भी कहा जाता है, तेजी से बढ़ रहा है। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एक विशेष मायोपिया क्लीनिक की स्थापना की गई है।
क्लीनिक का उद्घाटन
यह क्लीनिक नेशनल मायोपिया वीक के अवसर पर खोला गया। इसका उद्घाटन डॉ. चारु बाम्बा, जो कि मेडिकल सुपरिंटेंडेंट हैं, ने किया। इस अवसर पर नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ. अनुज मेहता और मायोपिया क्लिनिक के प्रभारी डॉ. पंकज रंजन भी उपस्थित थे।
इलाज की सुविधा
सोमवार से शनिवार तक, सप्ताह में छह दिन, इस क्लीनिक में मायोपिया का इलाज किया जाएगा। प्रत्येक शनिवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक क्लीनिक खुलेगा। डॉ. पंकज रंजन ने बताया कि यहां बच्चे और युवा मायोपिया की स्क्रीनिंग और उपचार करवा सकेंगे।
मायोपिया क्लीनिक की आवश्यकता
- पिछले कुछ वर्षों में मायोपिया की दर में तेजी से वृद्धि हुई है।
- बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है।
- बाहर खेलने की गतिविधियां कम हो गई हैं।
- ऑनलाइन पढ़ाई और डिजिटल जीवनशैली ने आंखों पर अतिरिक्त दबाव डाला है।
इन कारणों से बच्चों में चश्मे का नंबर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे उच्च मायोपिया और रेटिना संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ता है। इसलिए एक विशेष क्लीनिक की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
क्लीनिक की सेवाएं
- बच्चों में मायोपिया की जल्दी पहचान और नियमित निगरानी।
- मायोपिया नियंत्रण उपचार, जैसे लो-डोज एट्रोपिन आई ड्रॉप्स।
- आंखों के लेंस।
- मायोपिया नियंत्रण ग्लासेस।
- स्क्रीन टाइम और विज़ुअल हाइजीन पर विशेषज्ञ परामर्श।
- माता-पिता के लिए जागरूकता और काउंसलिंग।
- उच्च मायोपिया वाले बच्चों के लिए रेटिना जांच और निवारक देखभाल।
- जीवनशैली में सुधार और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन।
रेटिना संबंधी समस्याओं का खतरा
डिजिटल तकनीक के बढ़ते उपयोग के कारण बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है, जबकि बाहर खेलने की गतिविधियां कम हो गई हैं। ऑनलाइन पढ़ाई ने भी उनकी आंखों पर अतिरिक्त दबाव डाला है। इससे बच्चों में चश्मे का नंबर तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे चलकर रेटिना संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इस संदर्भ में एक समर्पित क्लीनिक की आवश्यकता थी।
सफदरजंग अस्पताल का यह कदम न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में मायोपिया नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह क्लीनिक बच्चों की आंखों की सुरक्षा, समय पर उपचार उपलब्ध कराने और जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
