दिल्ली में प्राचीन मंदिरों को तोड़ने की कोशिश, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

दिल्ली में बुधवार रात को प्राचीन मंदिरों को तोड़ने की योजना के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। मयूर विहार-2 में स्थित तीन मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर पहुंचे थे, लेकिन जब हिंदू समुदाय ने पूजा-पाठ शुरू किया, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कार्रवाई को रोकने का निर्णय लिया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
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दिल्ली में मंदिरों को तोड़ने की योजना

दिल्ली में प्राचीन मंदिरों को तोड़ने की कोशिश, स्थानीय लोगों ने किया विरोधनई दिल्ली। बुधवार की रात, दिल्ली में अचानक तीन प्राचीन मंदिरों को तोड़ने की योजना बनाई गई। मयूर विहार-2 के संजय झील पार्क में स्थित इन मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए एक दर्जन से अधिक बुलडोजर पहुंच गए थे। जब मंदिरों को गिराने की तैयारी चल रही थी, तभी स्थानीय हिंदू समुदाय ने इसका विरोध शुरू कर दिया। पूजा-पाठ करने के साथ ही लोगों ने मंदिरों को बचाने के लिए हंगामा खड़ा कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कार्रवाई को रोकने का निर्णय लिया।


मंदिरों को तोड़ने का आदेश

सूत्रों के अनुसार, मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा जारी किया गया था। DDA के हॉर्टिकल्चर विभाग ने नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि ये मंदिर ग्रीन बेल्ट में स्थित हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि कालीबाड़ी, अमरनाथ और बदरीनाथ के ये तीनों मंदिर 40 साल पुराने हैं और सभी पंजीकृत हैं। कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि हम वर्षों से यहां पूजा कर रहे हैं, लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना के शाम 7:30 बजे के बाद मंदिर तोड़ने का नोटिस चिपका दिया गया।


स्थानीय लोगों का विरोध

स्थानीय निवासियों ने जब भारी सुरक्षा बल और बुलडोजर को देखा, तो उनका गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने मंदिर की घंटी बजाकर बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा किया। जैसे ही हंगामा बढ़ा, विधायक रवि नेगी वहां पहुंचे और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से बातचीत की। इसके परिणामस्वरूप, मुख्यमंत्री ने तुरंत उपराज्यपाल से बात की और मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी।