दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऑपरेशन क्लीन एयर की प्रगति
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के खिलाफ कदम
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ ‘ऑपरेशन क्लीन एयर’.
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए ऑपरेशन क्लीन एयर के तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने हाल ही में सड़कों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य सड़कों पर धूल के स्तर को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करना था। यह जांच 12 दिसंबर को हुई थी, जिसके बाद यह निरीक्षण किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित एजेंसियों ने दिए गए निर्देशों का पालन किया है। निरीक्षण के दौरान सड़कों पर धूल की स्थिति, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों की कार्यप्रणाली, कूड़े (MSW), निर्माण और तोड़फोड़ के मलबे (C&D वेस्ट) और खुले में कचरा जलाने की घटनाओं की भी जांच की गई।
CAQM के निर्देश पर, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की 15 टीमों ने PWD की 106 सड़कों का निरीक्षण किया। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की 2 टीमों ने DDA की 27 सड़कों का पुनः निरीक्षण किया। सभी निरीक्षणों के दौरान फोटो और समय के साथ रिकॉर्डिंग की गई और रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की गई।
DDA की सड़कों पर सुधार की स्थिति
DDA के अधीन जिन 27 सड़कों पर पहले अधिक धूल पाई गई थी, वहां इस बार किसी भी सड़क को अधिक धूल की श्रेणी में नहीं रखा गया।
- 7 सड़कों पर मध्यम धूल
- 19 सड़कों पर कम धूल
- 1 सड़क पर धूल नहीं मिली
यह स्पष्ट है कि DDA ने पहले दिए गए निर्देशों का पालन किया है और स्थिति में सुधार हुआ है।
PWD की सड़कों पर अब भी समस्याएं बनी हुई हैं। 106 सड़कों के निरीक्षण में 9 सड़कों पर अधिक धूल, 16 पर मध्यम धूल, 37 पर कम धूल और 44 सड़कों पर कोई धूल नहीं पाई गई। कुछ सड़कों पर धूल के साथ-साथ कूड़ा, निर्माण मलबा और खुले में कचरा जलाने की घटनाएं भी देखी गईं। इसे गंभीर मानते हुए CAQM ने PWD को कार्रवाई और सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
CAQM के निर्देशों की सख्ती
- आयोग ने कहा है कि सड़कों की नियमित मशीन से सफाई होनी चाहिए
- इकट्ठा हुई धूल और कचरे को समय पर उठाया जाए
- पानी का छिड़काव और धूल को दबाने के उपाय किए जाएं
- खुले में कचरा जलाने पर सख्त रोक लगाई जाए
CAQM ने यह भी कहा कि ऑपरेशन क्लीन एयर के तहत ऐसे निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे, ताकि दिल्ली की सड़कों को साफ और धूल-मुक्त रखा जा सके और प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
