दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में नक्सली समर्थन का विवाद
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन
प्रदर्शन में हिडमा के समर्थन में पोस्टर
दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हर दिन AOI के आंकड़े लोगों को चौंका रहे हैं। अधिकांश क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इस कारण कई एनजीओ और आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालाँकि, रविवार को इंडिया गेट पर आयोजित प्रदर्शन विवादों में आ गया है। यहाँ वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान नक्सली कमांडर ‘हिडमा अमर रहे’ के नारे लगाए गए, जिससे यह प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया। बीजेपी नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
प्रदर्शन में हिडमा के समर्थन में नारेबाजी ने सभी को चौंका दिया। प्रदर्शनकारियों ने हिडमा के नाम के पोस्टर और पत्तियां पकड़ी हुई थीं। वे व्यवस्था से नाराज़ थे और बदलाव की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के पोस्टर भी उठाए थे, जो हाल ही में एक मुठभेड़ में मारे गए थे।
प्रदर्शन के दौरान नारे लगाने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की बात कही है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नारेबाजी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
बदमाश स्टूडेंट एक्टिविस्ट फिर सड़कों पर
प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सर्दियों में दिल्ली का AQI चिंता का विषय है, लेकिन यह भी सच है कि इस साल की वायु गुणवत्ता पिछले 10 वर्षों की तुलना में बेहतर रही है। इसका मुख्य कारण केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उत्तर भारत में खेतों में आग लगने की घटनाओं में कमी आई है। फिर भी, AAP के राज वाला पंजाब सबसे बड़ा अपराधी बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों से दिल्ली में एक अर्बन नक्सल मुख्यमंत्री था और शहर में साल दर साल प्रदूषण के खिलाफ कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही बीजेपी दिल्ली में सत्ता में आई, अचानक प्रदूषण के नाम पर विरोध प्रदर्शन करने वाले एक्टिविस्ट सामने आ गए। ये प्रदर्शन स्पष्ट रूप से एक पिछड़े कम्युनिस्ट एजेंडे से प्रेरित हैं, न कि पर्यावरण की चिंता से।
प्रदर्शन का उद्देश्य और नक्सली हिडमा का एनकाउंटर
कानून काम करेगा तो चिल्लाएंगे दमन-दमन: अमित
अमित मालवीय ने कहा कि ये लोग सड़कों पर थे, एयर क्वालिटी पर रोने का नाटक करते हुए, और खुलेआम मरे हुए नक्सली हिडमा की तारीफ में नारे लगा रहे थे। इससे भी बुरी बात यह है कि इन प्रदर्शनकारियों ने उन पुलिसवालों पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया जो अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
Delhis AQI during winter is undoubtedly a concern but it is also a fact that this years air quality has been significantly better than the last 10 years. The primary reason: farm fires across North India have reduced after the Centres decisive intervention.
Yet, AAP-ruled https://t.co/YtopzN1iUo— Amit Malviya (@amitmalviya) November 23, 2025
उन्होंने कहा कि जब कानून अपना काम करेगा, तो वही लोग दमन का शोर मचाएंगे और इन उभरते हुए अर्बन नक्सलों को बचाने के लिए एक और प्रोटेस्ट करेंगे। 31 मार्च 2026 को नक्सलों का अंत हो जाएगा। उसके बाद, भारत को उन अर्बन नक्सलों को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए जो एक्टिविटी के पीछे छिपते हैं और देश को अंदर से बिगाड़ते हैं।
हिड़मा का 18 नवंबर को हुआ था एनकाउंटर
18 नवंबर को छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के बॉर्डर पर मुठभेड़ हुई थी। इसी दौरान हिड़मा के खात्मे का ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई थी। सर्चिंग के दौरान पुलिस को 6 लाशें मिली थीं, जिसमें हिड़मा और उसकी पत्नी भी शामिल थीं। हिड़मा 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनामी नक्सली था। दिल्ली में उसके समर्थन में हुई नारेबाजी ने सभी को चौंका दिया है। हिडमा ने करीब 350 लोगों की जान ली है, जिनमें अधिकतर सेना के जवान शामिल हैं।
