दिल्ली में प्रदूषण और जोड़ों के दर्द का संबंध: डॉक्टरों की चेतावनी

दिल्ली में प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

सांकेतिक तस्वीर.
अक्टूबर का महीना आ चुका है और सर्दी का मौसम नजदीक है। दिल्ली में एम्स और अन्य प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों का कहना है कि यदि आपके जोड़ों में दर्द बढ़ता है, तो इसका कारण दिल्ली का प्रदूषण हो सकता है। एम्स दिल्ली के रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में बताया कि शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि प्रदूषण के कारण जोड़ों में दर्द का खतरा 12 से 18 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
फोर्टिस अस्पताल के डॉ. विमलेश धर पांडे ने कहा कि जहरीली हवा और पीएम 2.5 प्रदूषण दिल्ली एनसीआर में रुमेटॉइड आर्थराइटिस के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित देशों में से एक है। हाल के अध्ययनों से यह भी पता चला है कि प्रदूषक तेजी से जोड़ों में दर्द का कारण बन रहे हैं।
रुमेटॉइड आर्थराइटिस के मामलों में वृद्धि
डॉ. उमा कुमार ने बताया कि प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले रोगियों में रुमेटॉइड आर्थराइटिस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, भले ही उनका पारिवारिक इतिहास न हो। प्रदूषण हमारे शरीर में सूजन पैदा करता है, जो जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है और रोग को बढ़ाता है। ये प्रदूषक सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्रिय हो जाती है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
दर्द का वाहक कैसे बनता है प्रदूषण
डॉ. उमा कुमार ने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि पीएम 2.5 का नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन के संपर्क में आने से गठिया का खतरा बढ़ता है, विशेषकर उन मरीजों में जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं। यह भी पाया गया है कि व्यस्त सड़कों के पास रहने वाले लोग और यातायात से प्रभावित लोग गठिया के बढ़ते जोखिम का सामना कर रहे हैं।
विदेशों में भी इस विषय पर अध्ययन हो रहे हैं। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. पुलीन गुप्ता ने बताया कि यूरोपियन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने वायु प्रदूषण को ऑटोइम्यून रोगों से जोड़ने के ठोस सबूत प्रदान किए हैं। इस अध्ययन में सामान्य प्रदूषकों और प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी के बीच महत्वपूर्ण संबंधों की पहचान की गई है, और पर्यावरणीय क्षति को इन रोगों के बढ़ने का एक प्रमुख कारण बताया गया है।