दिल्ली में निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने से दो की मौत, दो घायल

दिल्ली के सिविल लाइंस में एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने से एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह घटना बारिश के दौरान हुई, जब दीवार अचानक गिर गई। मृतकों की पहचान मीरा और उनके बेटे गणपत के रूप में हुई है। घायलों में मीरा के बड़े बेटे और देवर शामिल हैं। पुलिस ने मामले में लापरवाही का मामला दर्ज किया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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दिल्ली में निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने से दो की मौत, दो घायल

दिल्ली में दुखद घटना

दिल्ली के सिविल लाइंस क्षेत्र में मंगलवार को हुई बारिश के कारण उपराज्यपाल के आधिकारिक निवास 'राजनिवास' के निकट एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिर गई। इस घटना में एक ही परिवार के दो सदस्यों की जान चली गई और दो अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी।


जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान मीरा (40) और उनके बेटे गणपत (17) के रूप में हुई है, जबकि घायलों में मीरा के बड़े बेटे दशरथ (19) और देवर नन्हे (35) शामिल हैं। सभी लोग मध्यप्रदेश से दिल्ली में काम करने आए थे। मीरा का पति मध्यप्रदेश में ही है।


अधिकारियों ने बताया कि मीरा और उनका बेटा निर्माण स्थल पर एक अस्थायी झोपड़ी में थे, जबकि नन्हे पास में बैठा था। तभी लगभग 15 फुट ऊंची दीवार उनके ऊपर गिर गई।


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सुबह 9:53 बजे सहगल कॉलोनी में दीवार गिरने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि चार मजदूर मलबे के नीचे दबे हुए हैं।' सभी को तुरंत मलबे से निकाला गया और अरुणा आसफ अली अस्पताल भेजा गया।


अधिकारी ने कहा, 'प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कोर्ट रोड पर स्थित प्लॉट संख्या 7 की पूर्वी दीवार ढह गई। दीवार की मजबूती के लिए उचित काम नहीं किया गया था और सुरक्षा उपायों की कमी थी।' इस कारण इमारत ढह गई और मलबा सहगल कॉलोनी के निर्माण स्थल पर गिर गया।


अधिकारी ने बताया कि सहगल कॉलोनी के प्लॉट नंबर 1 पर अतुल गोयल और कोर्ट रोड के प्लॉट नंबर 7 पर मेसर्स परी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड निर्माण कार्य कर रहे हैं।


पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 290 (भवन निर्माण में लापरवाही), धारा 125(ए) (सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालना) और धारा 106(1) (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है।


घायलों में से नन्हे ने बताया कि उनका परिवार बेहतर जीवन की तलाश में दिल्ली आया था और वह प्रतिदिन 500 रुपये कमा रहा था। अस्पताल में इलाज के दौरान नन्हे ने कहा, 'हम चार दिन पहले ही काम करने आए थे। अब हमें दो शव लेकर लौटना होगा।'


नन्हे ने कहा कि उसके गांव में उसके भाई को अभी तक पत्नी और बेटे की मौत की जानकारी नहीं है। उसने बताया कि उनका तंबू दीवार से कुछ फुट की दूरी पर था। 'दीवार अचानक गिर गई। मैं बाहर था, लेकिन मीरा और गणपत अंदर थे और बाहर नहीं निकल सके।' दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि दीवार गिरने से आसपास की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है।