दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग

दिल्ली के विधायक तरविंदर सिंह ने नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस विषय में निवेदन किया है। उनका कहना है कि पिछले साल 80 प्रतिशत दुकानें बंद रही थीं और इस बार भी वे वॉलंटियर्स के माध्यम से दुकानदारों से निवेदन करेंगे। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और दिल्लीवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की अपील कैसे की गई है।
 | 
दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग

नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की अपील

दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग

विधायक तरविंदर सिंह ने नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद करने की मांग की.

दिल्ली में नवरात्रि के अवसर पर मांस की दुकानों को बंद करने की मांग उठाई गई है। जंगपुरा के विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर नॉनवेज दुकानों को नवरात्रि के दौरान बंद रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनके वॉलंटियर्स भी सड़कों पर उतरेंगे। पहले वे हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे, लेकिन यदि दुकानदार नहीं मानते हैं, तो वे शिकायत भी करेंगे।

विधायक ने बताया कि उन्होंने नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इस विषय पर पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल उनकी मांग पर 80 प्रतिशत दुकानें बंद रही थीं, और मुसलमान भाइयों ने भी अपनी दुकानें बंद की थीं।

दिल्लीवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें

विधायक ने पत्र में सीएम से अनुरोध किया कि नवरात्रि का पर्व सनातन धर्म में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि दिल्लीवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए नवरात्रि के दौरान सभी मीट और मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया जाए। विधायक ने कहा कि इस सकारात्मक पहल के लिए दिल्लीवासी आभारी रहेंगे।

पहले भी की थी मीट दुकानें बंद करने की अपील

बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने इससे पहले भी मीट की दुकानों को बंद करने की अपील की थी। जन्माष्टमी के अवसर पर भी उन्होंने सरकार से इसी तरह की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जो दुकानदार अपनी दुकानें बंद नहीं करेंगे, उनकी दुकानें बंद करवाई जाएंगी और उनसे निवेदन भी किया जाएगा। इस दौरान हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भाइयों ने भी अपनी दुकानें बंद की थीं.