दिल्ली में धमाके की साजिश: जांच में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस आत्मघाती हमले में डॉक्टर उमर नबी का नाम प्रमुखता से उभरा है, जो फरीदाबाद की अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। जांच में यह भी पता चला है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया। गृह मंत्रालय ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठकें की हैं और सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। जानें इस हमले के पीछे की साजिश और आतंकवाद का कनेक्शन।
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दिल्ली में धमाके की साजिश: जांच में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली धमाके का विवरण

दिल्ली में धमाके की साजिश: जांच में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली ब्लास्ट के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई हैं।

दिल्ली के लाल किले के मेट्रो स्टेशन के पास एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। जिस वाहन में यह विस्फोट हुआ, वह पूरी तरह से नष्ट हो गया। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की गाड़ियां भी प्रभावित हुईं। इस भीषण घटना में कई लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह कोई साधारण धमाका नहीं था, बल्कि इसे दिल्ली में आतंक फैलाने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया था। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक आत्मघाती हमला था, जिसमें भारी मात्रा में विस्फोटक का उपयोग किया गया। इस हमले के पीछे एक व्यक्ति का नाम सामने आया है, जिसका नाम डॉक्टर उमर नबी है। उसे इस धमाके का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। कुछ सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं, जिसमें वह अपने चेहरे को मास्क से ढके हुए दिखाई दे रहा है।

धमाके की समयरेखा

धमाके की समयरेखा पर गौर करें तो यह स्पष्ट होता है कि विस्फोट शाम 6:55 बजे हुआ। इससे पहले, जिस i20 कार में धमाका हुआ, वह फरीदाबाद से दिल्ली आई थी। यह कार लाल किले की पार्किंग में दोपहर 3:19 बजे पहुंची और लगभग 3:30 घंटे तक वहीं रही। इसके बाद, यह कार 6:48 बजे पार्किंग से निकली, जिसमें डॉक्टर उमर सवार था। फिर 6:55 बजे धमाका हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हुए।

विस्फोटक सामग्री का उपयोग

जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही, फरीदाबाद आतंक मॉड्यूल का भी खुलासा हुआ, क्योंकि डॉक्टर उमर इसी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। वह फरीदाबाद की अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। इस विश्वविद्यालय से कई अन्य संदिग्धों के तार भी जुड़े हुए हैं।

डॉक्टरों का कनेक्शन

इस मामले में कई डॉक्टरों के नाम भी सामने आए हैं, जैसे डॉ. अदील, जो अनंतनाग का निवासी है, और डॉ. मज्जुमिल शकील, जो पुलवामा से है। इनकी गिरफ्तारी के दौरान AK-47 और अमोनियम नाइट्रेट बरामद किए गए। डॉ. उमर नबी भी पुलवामा का निवासी है और अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था।

पाकिस्तान से संबंध

इस धमाके में शामिल सभी संदिग्ध अल फलाह से जुड़े हुए हैं, लेकिन इसकी साजिश पुलवामा और पाकिस्तान में रची गई हो सकती है। गिरफ्तार महिला प्रोफेसर डॉ. शाहीन का पाकिस्तान से संबंध है और वह जैश की महिला विंग की प्रमुख है। यह भी बताया गया है कि डॉ. उमर जैश ए मोहम्मद का VBIED एक्सपर्ट था।

गृह मंत्रालय की कार्रवाई

इस धमाके के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, आईबी चीफ, एनआईए चीफ और अन्य उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।

धमाके के बाद से दिल्ली, फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर में कार्रवाई जारी है। कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है। यह स्पष्ट है कि इस हमले के तार पुलवामा से जुड़े हुए हैं, और इसकी गुत्थी सुलझाना अभी बाकी है।