दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध में छूट की मांग

दिल्ली और एनसीआर में दिवाली पर पटाखों के प्रतिबंध को कुछ दिनों के लिए हटाने की अपील उच्चतम न्यायालय में की गई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से कहा कि बच्चों को त्योहारों पर पटाखे चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने इस पर विचार करते हुए कहा कि सभी पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। जानें इस महत्वपूर्ण सुनवाई के बारे में और क्या निर्णय लिया गया।
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दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध में छूट की मांग

दिवाली पर पटाखों के प्रतिबंध में छूट की अपील

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को कुछ दिनों के लिए हटाने की मांग करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक अनोखी दलील प्रस्तुत की। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से कहा कि वह अपने भीतर के बच्चे के माध्यम से इस अपील को कर रहे हैं।


सुनवाई के दौरान, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ‘व्यावहारिक और आदर्श’ नहीं है, क्योंकि ऐसे निषेध अक्सर उल्लंघित होते हैं। सभी पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।


मेहता ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों की ओर से दलील देते हुए कहा कि दिवाली और अन्य त्योहारों पर बच्चों को बिना किसी समय सीमा के पटाखे चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए।


उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों को दो दिन जश्न मनाने का मौका दीजिए। यह केवल दिवाली, गुरुपरब और बड़े दिन के लिए है।’’ उन्होंने अनुरोध किया, ‘‘मेरे भीतर का बच्चा आपके (न्यायाधीशों) के भीतर बैठे बच्चे से मनाने की कोशिश कर रहा है, इसलिए कुछ दिनों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।’’


प्रतिबंध में छूट देने के संकेत देते हुए प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि सभी पक्षों के बीच संतुलन की आवश्यकता है और इस प्रकार के प्रतिबंध ‘व्यावहारिक और आदर्श’ नहीं हैं। पीठ ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।