दिल्ली में छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां, अस्थायी घाट बनाए जाएंगे

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ पूजा के भव्य आयोजन के लिए यमुना नदी के किनारों पर अस्थायी घाट बनाने की योजना की घोषणा की है। इस वर्ष का आयोजन ऐतिहासिक होगा, जिससे पूर्वांचली समुदाय के लोग बिना किसी रुकावट के त्योहार का आनंद ले सकेंगे। महामारी के कारण पिछले वर्षों में पूजा पर रोक थी, लेकिन अब सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी की जाएंगी। जानें इस पर्व के महत्व और तैयारियों के बारे में।
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दिल्ली में छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां, अस्थायी घाट बनाए जाएंगे

छठ पूजा के भव्य आयोजन की तैयारी

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को जानकारी दी कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार छठ पूजा के आयोजन के लिए यमुना नदी के किनारों पर अस्थायी घाटों का निर्माण करेगी।


उन्होंने बताया कि इस साल दिल्ली में छठ पूजा का आयोजन विशेष रूप से ऐतिहासिक होगा, जिससे पूर्वांचली समुदाय के लोग बिना किसी रुकावट के अपने त्योहार का आनंद ले सकेंगे।


साफ-सफाई और व्यवस्थाएं

मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, "हम यमुना के दोनों किनारों पर अस्थायी घाटों के लिए भव्य योजनाएं बना रहे हैं और सफाई की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं।"


उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी की जाएंगी और किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। इस वर्ष राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा का आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा।


महामारी के दौरान छठ पूजा पर रोक

महामारी के कारण यमुना तट पर छठ पूजा का आयोजन रोक दिया गया था, और बाद में अदालती आदेशों के चलते यह प्रतिबंध जारी रहा।


दिल्ली में रहने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग इस पर्व को मनाते हैं।


छठ पूजा का महत्व

सूर्य की उपासना का यह महापर्व व्रतधारी 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं और कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं।


यमुना नदी के तट पर पूजा करने पर रोक के कारण पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार ने उद्यानों और सार्वजनिक स्थलों पर सैकड़ों अस्थायी कुंड बनाए थे।