दिल्ली में छठ पर्व के बाद जलाशय विवाद पर मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण

दिल्ली में छठ पर्व के बाद वासुदेव घाट पर जलाशय को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक विरोध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जलाशय में मौजूद पानी यमुना का ही है और सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। इस वर्ष छठ पूजा के लिए प्रशासन ने 13,500 स्थानों पर व्यवस्थाएं की थीं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और प्रशासन की प्रतिक्रिया।
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दिल्ली में छठ पर्व के बाद जलाशय विवाद पर मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण

दिल्ली में जलाशय विवाद का बढ़ता मुद्दा

छठ पर्व के बाद दिल्ली के वासुदेव घाट पर बनाए गए जलाशय को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले में कहा है कि विपक्ष द्वारा फैलाया गया भ्रम केवल राजनीतिक विरोध का हिस्सा है और वास्तविकता इससे भिन्न है। उन्होंने बताया कि यमुना के किनारे भारी कीचड़ को हटाकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पहुंच को ध्यान में रखते हुए अस्थायी व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।


आम आदमी पार्टी के आरोपों का जवाब

आम आदमी पार्टी ने वासुदेव घाट पर जल को 'फिल्टर्ड' और 'कृत्रिम यमुना' बताने का आरोप लगाया था। इस पर सीएम ने स्पष्ट किया कि जलाशय में जो पानी है, वह यमुना का ही है, और सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध करने वाले वही दल हैं जिन्होंने पहले छठ उत्सव को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी थी और 11 वर्षों तक इसके सार्वजनिक आयोजन को सीमित रखा था।


छठ पूजा के लिए प्रशासनिक व्यवस्थाएं

इस वर्ष दिल्ली में छठ पूजा के लिए 13,500 स्थानों पर सरकारी व्यवस्थाएं की गई थीं। प्रशासन ने सफाई, प्रकाश, चिकित्सा सहायता और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को सुचारू रूप से संभाला जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व से जुड़ी आस्था को राजनीतिक विवाद का विषय बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि यह पर्व करोड़ों लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक भावना से जुड़ा हुआ है।


विपक्ष और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

विपक्ष ने सरकार पर 'नदी को स्वाभाविक रूप में बहाल करने' के बजाय 'दिखावटी सफाई' का आरोप लगाया है, जबकि दिल्ली भाजपा का कहना है कि यमुना की सफाई पिछले आठ महीनों में काफी हद तक पूरी हो चुकी है और श्रद्धालुओं के लिए प्राकृतिक घाट उपलब्ध कराए गए हैं।


राजनीतिक बहस के बीच संतुलन

यह मुद्दा राजनीतिक बहस के बीच जनता और प्रशासन के बीच संतुलन बनाने का एक उदाहरण बन गया है। प्रशासन का दावा है कि पूरी प्रक्रिया श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है। इस वर्ष के छठ पर्व के बाद राजधानी में धार्मिक उत्साह के साथ व्यवस्था संबंधी संवाद भी तेज़ होते दिखाई दे रहे हैं।