दिल्ली में कार विस्फोट: आतंकवादी साजिश का संदेह

दिल्ली में एक चलती कार में हुए विस्फोट ने 11 लोगों की जान ले ली और कई अन्य घायल हुए हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक आतंकवादी साजिश थी, जिसमें फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा की है। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और सरकार की प्रतिक्रिया।
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दिल्ली में विस्फोट की घटना

दिल्ली में कार विस्फोट: आतंकवादी साजिश का संदेह


दिल्ली, जिसे देश की धड़कन माना जाता है, में सोमवार को एक चलती कार में हुए विस्फोट ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना की निंदा करना भी कम है, क्योंकि इसमें ग्यारह लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल जल्द ठीक हों।


प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि यह एक आतंकवादी साजिश थी। जिस स्थान पर यह घटना हुई और जिस समय इसे अंजाम दिया गया, उससे यह स्पष्ट है कि आतंकवादी एक बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। यह स्थान दिल्ली का सबसे व्यस्त क्षेत्र है, जहां शाम के समय लोगों की संख्या अधिक होती है। यह संयोग ही है कि धमाका भीड़-भाड़ वाले स्थान पर होने से पहले ही हुआ, अन्यथा मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती थी।


इस बात की पुष्टि फरीदाबाद में कई स्थानों से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी से होती है। हरियाणा के फतेहपुर तगा गांव में राज्य और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की संयुक्त छापेमारी में तीन हजार किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री मिली। गिरफ्तार किए गए दो संदिग्ध कश्मीरी मूल के हैं। इससे पहले, रविवार को गांव के एक कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट भी बरामद किया गया था। बताया गया है कि यह घर एक मौलाना ने किराए पर लिया था।


हालांकि, पुलिस यह जांच कर रही है कि इस विस्फोटक का उपयोग कहाँ किया जाना था और क्या इसका किसी आतंकवादी संगठन से संबंध है। सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति की पहचान सहारनपुर के कश्मीरी डॉक्टर अदील के रूप में हुई है। पूछताछ में उसके श्रीनगर में अन्य डॉक्टरों से संबंधों का पता चला है।


डॉ. अदील की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में डॉ. मुजामिल सहित अन्य डॉक्टरों की पहचान हुई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत लोग कट्टरपंथ के कारण इस तरह की खतरनाक गतिविधियों में शामिल हो गए।


स्पष्ट है कि इस मॉड्यूल का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक फैलाना था। विस्फोटकों की बड़ी मात्रा और आईईडी बनाने के सामान की बरामदगी किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है।


दिल्ली की इस घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने इसे गंभीरता से लिया है और कहा है कि हर पहलू की जांच की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है और सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह दिल्ली में राजग सरकार के कार्यकाल का पहला बड़ा हादसा है।


यह घटना निश्चित रूप से सरकार की चिंता बढ़ा रही है और आने वाले दिनों में इस पर कोई बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। पिछले हमलों ने यह साबित किया है कि जब भी देश में आतंकवादी हमले हुए, मोदी सरकार ने प्रभावी जवाब दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस घटना का भी उचित उत्तर दिया जाएगा।


विपक्ष को भी चाहिए कि वह इस घटना पर हाय-तौबा न मचाए और सरकार का समर्थन करे। उन्हें यह भी देखना चाहिए कि पहले के हमलों के समय की सरकारों ने क्या किया। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह आतंकियों के खिलाफ कोई बड़ा ऑपरेशन चलाए ताकि उन्हें सबक सिखाया जा सके।