दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव: मोदी और राहुल गांधी की चुनौती

दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
दिल्ली में कल उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का असली खेल देखने को मिलेगा। यह स्पष्ट होगा कि मोदी कितने वोटों से आगे बढ़ते हैं या फिर राहुल गांधी की चुनौती कितनी प्रभावी है। मतदान प्रक्रिया के दौरान मोदी चुनाव की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे, जबकि राहुल गांधी की उपस्थिति नहीं होगी। उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम किस दिशा में जाएंगे, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी विरोधी खेमे के कितने सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं। इसके बाद बिहार चुनाव की तैयारी भी शुरू होगी।
पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों का विश्लेषण
पिछले 20 वर्षों में उपराष्ट्रपति चुनावों में जीत का अंतर लगातार बढ़ता गया है। 2002 में भैरों सिंह शेखावत ने 149 वोटों से जीत हासिल की थी, जबकि 2022 में धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया। वर्तमान में, एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को स्पष्ट बढ़त प्राप्त है, लेकिन संसद में विपक्ष की मजबूती के कारण मुकाबला इस बार काफी करीबी हो सकता है।
भाजपा सांसदों के लिए वोटिंग प्रशिक्षण
दिल्ली में भाजपा सांसदों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन भी अपने सांसदों के लिए सोमवार को मॉक पोल आयोजित करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सहयोगी दलों के लिए डिनर का आयोजन किया था, लेकिन शाम होते-होते यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
मोदी की रणनीति और तैयारी
भाजपा ने उपराष्ट्रपति चुनाव की रणनीति के लिए सांसदों की एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और पीछे की पंक्ति में बैठकर सामान्य कार्यकर्ता की तरह चर्चा में शामिल हुए।
मतदान प्रक्रिया का विवरण
उपराष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं, लेकिन इसके लिए कोई व्हिप जारी नहीं की जा सकती। यदि सभी सांसद पार्टी लाइन पर वोट डालते हैं, तो एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को 439 और विपक्ष के रेड्डी को 324 वोट मिलने की संभावना है। हालांकि, गुप्त मतदान में क्रॉस वोटिंग समीकरण को बिगाड़ सकती है।
मतदान का समय
मतदान प्रक्रिया 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में होगी। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी और परिणाम तुरंत घोषित किए जाएंगे। प्रत्येक सांसद को विशेष पेन से बैलेट पर पहली वरीयता दर्ज करनी होगी, अन्यथा वोट अमान्य हो जाएगा।