दिल्ली में आयोजित होगा प्रमुख रक्षा सम्मेलन: वित्तीय शासन की भूमिका पर चर्चा

दिल्ली में 7 से 9 जुलाई तक आयोजित होने वाले रक्षा सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह सम्मेलन वित्तीय शासन की भूमिका और सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। 'कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस-2025' के तहत, इसमें प्रमुख रक्षा अधिकारियों की उपस्थिति होगी और आठ उच्च-स्तरीय व्यावसायिक सत्र आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन का विषय 'रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र' पर आधारित है, जो विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। जानें इस सम्मेलन के महत्व और इसके द्वारा किए जाने वाले सुधारों के बारे में।
 | 
दिल्ली में आयोजित होगा प्रमुख रक्षा सम्मेलन: वित्तीय शासन की भूमिका पर चर्चा

रक्षा सम्मेलन का उद्घाटन

दिल्ली में सात से नौ जुलाई तक एक महत्वपूर्ण रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह सम्मेलन चुनौतियों की समीक्षा, सुधारों की शुरुआत और रक्षा तैयारियों में वित्तीय शासन की भूमिका को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।


कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस-2025

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह सम्मेलन 'कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस-2025' के नाम से जाना जाएगा, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के परिसर में रक्षा लेखा विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा।


उद्घाटन समारोह में शामिल प्रमुख व्यक्ति

इस उद्घाटन समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) एस जी दस्तीदार और रक्षा लेखा महानियंत्रक मयंक शर्मा भी उपस्थित रहेंगे।


महत्वपूर्ण मंच के रूप में सम्मेलन

मंत्रालय ने कहा कि यह सम्मेलन भारत के रक्षा वित्तीय ढांचे के भविष्य को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह चुनौतियों का मूल्यांकन करने, सुधारों की शुरुआत करने और वित्तीय प्रशासन की भूमिका को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।


सम्मेलन का विषय

इस वर्ष के सम्मेलन का विषय 'रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र के माध्यम से वित्तीय सलाह, भुगतान, लेखा परीक्षा और लेखांकन में परिवर्तन' है, जो विभाग के भीतर एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।


उच्च-स्तरीय व्यावसायिक सत्र

सम्मेलन में आठ उच्च-स्तरीय व्यावसायिक सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें बजट और लेखा सुधार, आंतरिक लेखा परीक्षा पुनर्गठन, सहयोगात्मक अनुसंधान, मूल्य निर्धारण नवाचार और क्षमता निर्माण जैसे विषय शामिल होंगे।


रक्षा बजट का प्रबंधन

रक्षा विभाग 1.7 लाख करोड़ रुपये की पेंशन सहित 26.8 लाख करोड़ रुपये के रक्षा बजट का प्रबंधन करता है, जिसमें पेरोल, पेंशन संवितरण, लेखा परीक्षा, खरीद मूल्य निर्धारण और रणनीतिक वित्तीय सलाह शामिल हैं।


पिछले सम्मेलन की उपलब्धियां

पिछले 'कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस' के बाद से, रक्षा विभाग ने 206 संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए हैं और पूरे भारत में 200 से अधिक सेवा केंद्र स्थापित किए हैं।