दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर ईडी की छापेमारी

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। पार्टी ने इसे ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया है और दावा किया है कि मामला पूरी तरह से झूठा है। ईडी की कार्रवाई 5,590 करोड़ रुपये की अस्पताल परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अस्पताल निर्माण घोटाले के बारे में।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर ईडी की छापेमारी

ईडी की कार्रवाई पर आप का बयान

आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को दिल्ली इकाई के प्रमुख सौरभ भारद्वाज के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई छापेमारी को 'ध्यान भटकाने की रणनीति' करार दिया है। पार्टी का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से झूठा है।


आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ईडी धन शोधन के मामले में सौरभ भारद्वाज (45) और अन्य से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।


छापेमारी का कारण

सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली में लगभग एक दर्जन स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, 'यह छापेमारी केवल ध्यान भटकाने की कोशिश है। यह मामला उस समय का है जब भारद्वाज किसी मंत्री पद पर नहीं थे। यह मामला पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद है।'


यह जांच दिल्ली की पूर्व 'आप' सरकार के दौरान स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।


अस्पताल परियोजनाओं से संबंधित छापेमारी

ईडी ने ₹5,590 करोड़ की अस्पताल परियोजनाओं से जुड़े मामले की जांच के तहत सौरभ भारद्वाज के आवास पर छापा मारा है। यह कार्रवाई उनके स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल के दौरान अस्पतालों के निर्माण में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में की गई है।


केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दिल्ली में 12 स्थानों पर तलाशी ले रही है।


अस्पताल निर्माण घोटाले का विवरण

2018-19 में, दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए 5,590 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इन अस्पतालों का निर्माण छह महीने में पूरा होना था, लेकिन तीन साल बाद भी काम अधूरा है।


कई परियोजनाएँ गंभीर अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में हैं, जैसे कि परियोजनाएँ समय पर पूरी नहीं हुईं। 800 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, केवल 50 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है।


एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई। कई स्थानों पर निर्माण कार्य बिना उचित मंजूरी के शुरू किया गया और ठेकेदारों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।


2016 से लंबित अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) में जानबूझकर देरी का आरोप लगाया गया है। इस मामले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की जांच चल रही है। ईडी ने इस मामले में अपनी ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज की है।