दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, आठ गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के सतबरी गाँव में एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जिसमें आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों पर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप है। इस रैकेट का संचालन एक वांछित अपराधी द्वारा किया जा रहा था, जो छापेमारी से पहले फरार हो गया। पुलिस ने मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं और आगे की जांच जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, आठ गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के सतबरी गाँव में एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक महिला सहित आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर आरोप है कि वे एक आवासीय इमारत से अवैध कॉल सेंटर का संचालन कर रहे थे, जिसमें वीओआईपी-आधारित कॉलिंग सेटअप, विदेशी डेटाबेस और नकली संचार उपकरणों का उपयोग करके विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। अधिकारियों के अनुसार, यह रैकेट शानू नामक एक वांछित अपराधी द्वारा चलाया जा रहा था, जो पहले भी अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहा है। वह छापेमारी से कुछ समय पहले ही फरार हो गया और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है।


छापेमारी के दौरान बरामदगी

पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर के लिए उपयोग की गई इमारत शानू के छोटे भाई रेहान उर्फ टिन्नी के नाम पर पंजीकृत थी। आगे की जांच के लिए इमारत को सील कर दिया गया है। मौके से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए, जिनमें कई कंप्यूटर सिस्टम, मोबाइल फोन, वीओआईपी सॉफ्टवेयर, विदेशी डेटा सेट और धोखाधड़ी गतिविधियों में उपयोग होने वाले दस्तावेज शामिल हैं।


आगे की जांच

पुलिस ने बताया कि यह सेटअप एक वैध अंतरराष्ट्रीय ग्राहक सहायता केंद्र के रूप में दिखने के लिए डिज़ाइन किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस गतिविधि के पैमाने और अन्य साइबर धोखाधड़ी नेटवर्कों से उनके संबंधों का पता लगाया जा सके।


पिछली कार्रवाई

10 नवंबर को, अपराध शाखा की साइबर सेल ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब में कई राज्यों में छापेमारी की और कई साइबर धोखाधड़ी गिरोहों पर कार्रवाई की। इस दौरान डिजिटल अरेस्ट और निवेश धोखाधड़ी रैकेट के कई प्रमुख मास्टरमाइंड गिरफ्तार किए गए और दुबई के संचालकों से जुड़े कम से कम 5 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी ट्रेल बरामद किए गए।