दिल्ली में DGGI ने 645 करोड़ के फर्जी ITC रैकेट का किया भंडाफोड़
DGGI का बड़ा ऑपरेशन
दिल्ली में DGGI का बड़ा एक्शन
दिल्ली जोनल यूनिट ने जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) द्वारा एक बड़े फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रैकेट का खुलासा किया है। इस धोखाधड़ी में 645 करोड़ रुपये की अवैध आईटीसी का दावा किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, यह रैकेट फर्जी कंपनियों के माध्यम से संचालित हो रहा था। आरोपियों ने बिना किसी वास्तविक लेन-देन के फर्जी इनवॉइस जारी कर आईटीसी का दुरुपयोग किया। जांच के दौरान कई संदिग्ध कंपनियों की पहचान की गई है।
DGGI की टीम ने छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय था और विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों को नुकसान पहुंचा रहा था। खुफिया जानकारी के आधार पर, DGGI के अधिकारियों ने दिल्ली भर में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
162 मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद
इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और बहीखाते बरामद किए गए। इनमें 162 मोबाइल फोन शामिल हैं, जिनका उपयोग संभवतः जीएसटी-बैंकिंग उद्देश्यों के लिए ओटीपी प्राप्त करने में किया गया था। इसके अलावा, 44 डिजिटल हस्ताक्षर और विभिन्न कंपनियों की 200 से अधिक चेकबुक भी मिली हैं। इस मामले में मुकेश शर्मा नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच
मुकेश शर्मा को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के तहत गिरफ्तार किया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का भी पता चला है, जिसमें एक एनजीओ और एक राजनीतिक संगठन का नाम सामने आया है, जिसके माध्यम से फंडिंग को इधर-उधर किया गया है।
