दिल्ली में 32 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में सिंगापुर के नागरिक की गिरफ्तारी

दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 32 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में सिंगापुर के नागरिक राजेश बोथरा को गिरफ्तार किया है। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत के बाद सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बोथरा और उसकी कंपनियों ने जाली बिलों के माध्यम से धोखाधड़ी की। जांच में यह भी पता चला है कि बोथरा ने कई अन्य मामलों में भी संलिप्तता दिखाई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सीबीआई की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली में 32 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में सिंगापुर के नागरिक की गिरफ्तारी

सीबीआई ने की गिरफ्तारी

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 32 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक होटल से सिंगापुर के नागरिक को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।


गिरफ्तारी का विवरण

अधिकारियों के अनुसार, राजेश बोथरा नामक व्यक्ति को दिल्ली पहुंचने की सूचना मिलने पर पकड़ा गया। सीबीआई ने बताया कि यह मामला पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शिकायत के बाद सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 'फ्रॉस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड' (एफआईईएल) और इसके निदेशकों ने 31.60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।


धोखाधड़ी की प्रक्रिया

एजेंसी ने कहा कि एफआईईएल ने जाली बिल प्रस्तुत कर साख पत्र (लेटर ऑफ क्रेडिट) की राशि हड़प ली, जिसमें बोथरा की दो कंपनियों - फारेस्ट और 'गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड' के बीच धोखाधड़ी से व्यापार दर्शाया गया। आरोप है कि कंपनी ने बैंक से विदेशी ऋण पत्र (एफएलसी) की सीमा का लाभ उठाकर धोखाधड़ी की।


जांच की प्रगति

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, "जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बोथरा ने फर्जी बिल उपलब्ध कराकर और एफआईईएल के फारेस्ट और 'गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड' के साथ गलत तरीके से लेन-देन दिखाकर साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"


पीएनबी को हुआ नुकसान

प्रवक्ता के अनुसार, एफआईईएल ने बैंक को फर्जी बिल प्रस्तुत किए, जिसके माध्यम से कंपनी ने एलसी की राशि निकाल ली, जिससे पीएनबी को लगभग 32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


बोथरा के अन्य मामले

सीबीआई के बयान में कहा गया है कि फारेस्ट और 'गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड' वास्तव में बोथरा द्वारा नियंत्रित थे, और इनमें कोई वास्तविक व्यापार या माल की आवाजाही नहीं हुई थी, जैसा कि जाली बिलों में दर्शाया गया है। बोथरा सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, लखनऊ के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं।


वांछित आरोपी

बयान में यह भी कहा गया है कि बोथरा इन मामलों की जांच में कभी शामिल नहीं हुआ और न ही मुकदमे के दौरान पेश हुआ। वह कई अन्य बैंक धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध मामलों में भी वांछित है।