दिल्ली मास्टर प्लान 2041 की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मास्टर प्लान 2041 की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें तीन प्रस्तावित औद्योगिक क्लस्टरों के विकास की योजना है। डीडीए द्वारा प्रस्तुत मसौदे पर चर्चा की जाएगी, जो कि केंद्र से स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है। इस योजना से लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।
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दिल्ली मास्टर प्लान 2041 की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक

मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली मास्टर प्लान (एमपीडी) 2041 के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की।


दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अप्रैल 2023 में केंद्र को इस योजना का मसौदा प्रस्तुत किया था, जिसे केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।


सूत्रों के अनुसार, डीडीए के उपाध्यक्ष बैठक में मुख्यमंत्री और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के सामने मसौदे पर विस्तृत प्रस्तुति देंगे।


औद्योगिक विकास पर ध्यान

यह बैठक औद्योगिक विकास पर केंद्रित होने की संभावना है, जिसमें दिल्ली सरकार कंझावला, रानीखेड़ा और बापरोला में लगभग 1,200 एकड़ क्षेत्र को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित करने की योजना बना रही है।


इन औद्योगिक क्लस्टरों को सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई), जैव प्रौद्योगिकी और अनुसंधान जैसे सेवा क्षेत्रों को आकर्षित करने के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे राजधानी में लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।


अधिकारियों ने बताया कि विकास मॉडल को अंतिम रूप देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी की सहायता ली जा सकती है।


मास्टर प्लान का इतिहास

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 28 फरवरी, 2023 को हुई बैठक में एमपीडी-2041 के मसौदे को मंजूरी दी थी। सक्सेना डीडीए के अध्यक्ष भी हैं।


दिल्ली का पहला मास्टर प्लान 1962 में दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 के तहत लागू किया गया था। ये मास्टर प्लान 20 वर्ष की अवधि के लिए तैयार किए जाते हैं और शहर के नियोजित विकास के लिए एक समग्र रूपरेखा प्रदान करते हैं।