दिल्ली ब्लास्ट केस: आतंक के डॉक्टरों का रहस्योद्घाटन
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में चौंकाने वाले तथ्य
दिल्ली ब्लास्ट केस.
दिल्ली ब्लास्ट मामले में आतंकवाद से जुड़े डॉक्टरों के नेटवर्क की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं। इस नेटवर्क में शामिल प्रत्येक आतंकवादी की अपनी अलग कहानी है, लेकिन सभी का उद्देश्य एक ही है। इस मॉड्यूल के सभी सदस्य अपने-अपने कार्यों को पूरा करने में पूरी मेहनत कर रहे थे। आइए जानते हैं कि यह मॉड्यूल कैसे संचालित होता था और किसे क्या जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
उमर बिन खत्ताब उर्फ हलजुल्लाह: यह एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव है, जो मौलवी इरफान के संपर्क में था। मौलवी इरफान, जो शोपियां में एक मस्जिद में कार्यरत था, का काम शिक्षित युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ना था। जांच में यह पता चला है कि इसी ने डॉक्टरों को इस मॉड्यूल में शामिल किया। पहले उसने मुजम्मिल को जोड़ा, जो बाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी में अपने जैसे विचारधारा के लोगों से मिला। मुजम्मिल ने डॉक्टर आदिल, डॉक्टर उमर और डॉक्टर शाहीन को भी इस मॉड्यूल में शामिल किया। बाद में शाहीन ने अपने भाई डॉक्टर परवेज अंसारी को भी इसमें शामिल किया।
डॉक्टर शाहीन: लखनऊ की निवासी, डॉक्टर शाहीन अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। उनका कार्य मॉड्यूल के लिए धन जुटाना और गरीब महिलाओं तथा लड़कियों को जैश-ए-मोहम्मद के संगठन से जोड़ना था। जांच में यह सामने आया है कि उन्होंने मॉड्यूल को लगभग 20 लाख रुपये की फंडिंग की थी।
आमिर: कश्मीर का निवासी, आमिर डॉक्टर उमर के संपर्क में था और उसकी जिम्मेदारी मॉड्यूल के लिए लॉजिस्टिक्स मुहैया कराना था। उसने i20 कार का इंतजाम किया, जिसके लिए पैसे डॉक्टर उमर ने दिए थे। यह दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA द्वारा की गई पहली गिरफ्तारी थी।
डॉक्टर मुजम्मिल: यह मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, जिसने मौलवी इरफान के कहने पर अन्य डॉक्टरों को जोड़ा। डॉक्टर मुजम्मिल का कार्य कट्टरपंथी बनाना था, और उसने अल फलाह यूनिवर्सिटी के कई छात्रों को अपने टारगेट में लिया। इसके अलावा, विस्फोटक का परिवहन भी उसकी जिम्मेदारी थी।
डॉक्टर आदिल: उसकी गिरफ्तारी के बाद इस मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया था, और उसकी निशानदेही पर डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन को भी पकड़ा गया। बाद में फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में हथियार और 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ।
डॉक्टर उमर नबी मोहम्मद: यह आत्मघाती हमलावर था, जिसने लाल किले पर कार बम विस्फोट किया। वह इस मॉड्यूल का एकमात्र सदस्य था, जिसे बम बनाने की तकनीक का गहरा ज्ञान था।
जसीर बिलाल वाणी उर्फ दानिश: बम बनाने में प्रशिक्षित, दानिश इस मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। उसे डॉक्टर उमर ने मॉड्यूल से जोड़ा था। जसीर को ड्रोन में विस्फोटक बांधने और रिमोट से ब्लास्ट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। NIA ने हाल ही में उसे कश्मीर से गिरफ्तार किया है।
