दिल्ली ब्लास्ट के बाद उपराज्यपाल के सख्त निर्देश: सुरक्षा और निगरानी में सुधार

दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट के बाद उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पुलिस और प्रशासन को कई सख्त निर्देश दिए हैं। इनमें अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर निगरानी, सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री की ट्रैकिंग, और डॉक्टरों का डिजिटल डेटाबेस बनाना शामिल है। उपराज्यपाल ने वाहनों की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। जानें इन निर्देशों का क्या प्रभाव पड़ेगा और सुरक्षा में कैसे सुधार होगा।
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दिल्ली ब्लास्ट के बाद उपराज्यपाल के सख्त निर्देश: सुरक्षा और निगरानी में सुधार

दिल्ली में सुरक्षा के लिए उपराज्यपाल के निर्देश

दिल्ली ब्लास्ट के बाद उपराज्यपाल के सख्त निर्देश: सुरक्षा और निगरानी में सुधार

दिल्‍ली ब्‍लास्‍ट के बाद उपराज्‍यपाल के निर्देश

दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट के बाद, उपराज्यपाल ने पुलिस और प्रशासन को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इनमें अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर निगरानी, कट्टरपंथ पर नियंत्रण, खुफिया तंत्र को मजबूत करना, और डॉक्टरों का डिजिटल डेटाबेस बनाना शामिल है। इसके अलावा, उपराज्यपाल ने दिल्ली में वाहनों की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

लाल किले के पास हुए विस्फोट ने दिल्ली में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को तुरंत प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा है।

उपराज्यपाल के निर्देशों की मुख्य बातें

उपराज्यपाल ने अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री और खरीद पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया है। इसके तहत, एक निश्चित मात्रा से अधिक अमोनियम नाइट्रेट खरीदने या बेचने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं का डिजिटल रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा, जिसमें खरीदार और विक्रेता की फोटो और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल होगी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Meta और X (Twitter) के साथ बैठक कर ऐसे कंटेंट की वैज्ञानिक ट्रैकिंग सुनिश्चित की जाएगी, जो नागरिकों को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का कार्य करता है। यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे कंटेंट की निगरानी की जाएगी।

संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां कट्टरपंथी गतिविधियों की आशंका अधिक है। समुदाय की सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे ताकि रोकथाम आधारित पुलिसिंग प्रभावी हो सके।

प्रशासन के लिए निर्देश

डॉक्टरों का केंद्रीय डाटा रिपॉजिटरी बनाने का निर्देश दिया गया है। सभी अस्पतालों, विशेषकर निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिसमें उनकी डिग्री की जानकारी शामिल होगी। विदेशी डिग्री वाले डॉक्टरों का विवरण पुलिस को बैकग्राउंड चेक के लिए साझा किया जाएगा।

वाहनों की बिक्री और खरीद पर सख्ती बरतने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और फाइनेंसरों के साथ परामर्श किया जाएगा, ताकि पंजीकृत मालिक और वास्तविक चालक/मालिक अलग न हों। यह समस्या विशेष रूप से ऑटो रिक्शा क्षेत्र में गंभीर बताई गई है, जहां परमिट धारक और वास्तविक मालिक अक्सर भिन्न होते हैं.