दिल्ली बम धमाके में डॉक्टर शाहीन शाहिद की भूमिका का खुलासा
दिल्ली बम धमाके से जुड़े टेरर मॉड्यूल का खुलासा
दिल्ली में हुए बम धमाके से जुड़े एक टेरर मॉड्यूल में डॉक्टर शाहीन शाहिद का नाम सामने आया है, जिसे पुलिस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। हाल ही में इस डॉक्टर के संबंधों का एक बड़ा खुलासा हुआ है। डॉक्टर शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के महिला टेरर विंग, जैश उल मोमिनात, से जुड़ा हुआ है। उसे इस संगठन के इंडिया विंग का प्रमुख बनाया गया था, और उसकी जिम्मेदारी थी कि वह भारत में महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित करे। इस गुट की प्रमुख सादिया अहर, जो जैश के सरगना मसूद अहर की बहन हैं, हैं।
डॉक्टर शाहीन की गतिविधियों पर नजर
डॉक्टर शाहीन सईद को जैश के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। उसकी गतिविधियों से खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं। वह सादिया अहर के सीधे संपर्क में थी और जमात उल मोमिनात से जुड़ी हुई थी। सादिया ने अक्टूबर 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस विंग की स्थापना की थी। उसके पति यूसुफ अहमद की मौत के बाद उसने बदला लेने के लिए यह कदम उठाया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉक्टर शाहीन को फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार कर श्रीनगर ले जाया।
शिक्षा और करियर
डॉक्टर शाहीन ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (1996-2001 बैच) और फार्मकोलॉजी में एमडी की डिग्री प्राप्त की। वह 2006 से 2013 तक कानपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रही। उसके बाद वह अचानक गायब हो गई और कॉलेज के नोटिसों का जवाब न देने के कारण 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया। उसकी शादी डॉक्टर जफर से भी ज्यादा समय तक नहीं चली और तलाक हो गया। इसके बाद वह अलफलाह यूनिवर्सिटी में काम करने लगी और इसी दौरान डॉक्टर मुजम्मिल के संपर्क में आई।
जांच की दिशा
जैसे ही ये तथ्य सामने आए, अलफलाह यूनिवर्सिटी का नाम भी जांच में आया। वहां की लैब की भी जांच की जा रही है कि कहीं विस्फोटक सामग्री का निर्माण तो नहीं किया गया। जांच में अमोनियम नाइट्रेट की भूमिका पर ध्यान दिया जा रहा है, जो विभिन्न आतंकी ठिकानों से बरामद किया गया है। अमोनियम नाइट्रेट एक ऑक्सीडाइजर होता है, जिसका उपयोग विस्फोटक को ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए किया जाता है।
