दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

अपराध समाचार: दिल्ली पुलिस ने एक महत्वपूर्ण मामले का खुलासा करते हुए दो बांग्लादेशी नागरिकों को जहांगीरपुरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। ये दोनों ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपनी पहचान छिपाने के लिए जेंडर परिवर्तन सर्जरी कराकर महिलाओं की तरह दिखने लगे थे और अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके थे। दिन में ये भीख मांगते थे और रात में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते थे। पुलिस की नॉर्थ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की फॉरेनर सेल ने इनके पास से दो पहचान पत्र और दो स्मार्टफोन बरामद किए, जिनमें प्रतिबंधित IMO ऐप पाया गया। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की सतर्कता और अपराध नियंत्रण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
दिल्ली पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि जहांगीरपुरी में कुछ बांग्लादेशी नागरिक रात के समय आपराधिक गतिविधियों में संलग्न हैं। इस सूचना के आधार पर, फॉरेनर सेल ने तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया। 23 जुलाई 2025 को भलस्वा डेयरी फ्लाईओवर के नीचे इन दोनों व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पता चला कि ये बांग्लादेशी नागरिक हैं और बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद रईसुल इस्लाम उर्फ तनीषा मंडल और मोहम्मद इब्राहिम हाउलादर उर्फ इभा मंडल के रूप में हुई है.
पहचान छिपाने के लिए जेंडर परिवर्तन
पुलिस के अनुसार, इन दोनों ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए जेंडर-अफर्मिंग सर्जरी कराई थी, ताकि वे महिलाओं की तरह दिख सकें। इसके साथ ही, ये भारी मेकअप, साड़ी या सलवार सूट, नकली बाल और महिलाओं के गहने पहनते थे। इन्होंने अपनी आवाज और हाव-भाव को भी महिलाओं जैसा बना लिया था, ताकि कोई उनके बांग्लादेशी होने का संदेह न कर सके। इनके फोन की गैलरी और इंस्टाग्राम अकाउंट से बांग्लादेश के कई फोटो मिले, जो उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करते हैं. पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया कि वे अवैध रूप से भारत में रह रहे थे.
दिन में रेकी, रात में अपराध
जांच में यह भी सामने आया कि ये दोनों दिन में कचरा बीनने और भीख मांगने का कार्य करते थे, जबकि रात में चोरी और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल हो जाते थे। पुलिस ने इनके पास से दो पहचान पत्र और दो स्मार्टफोन बरामद किए, जिनमें प्रतिबंधित IMO ऐप पाया गया। यह ऐप आमतौर पर अवैध गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे इनके खतरनाक इरादों का खुलासा हुआ। पुलिस ने फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के सहयोग से इनके डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.